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सदियों से चली आ रही यह प्रथा, सीता कुंड में महिलाएं देती हैं पूर्वजों को तर्पण

locationमिर्जापुरPublished: Sep 23, 2019 05:52:38 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

वनवास के दौरान माता सीता ने यहां किया था महाराज दशरथ का पिंडदान

Sitakund

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मिर्जापुर. विध्य पर्वत अष्टभुजी पहाड़ी पर स्थित सीता कुंड पर मातृ नवमी के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में कई जिले से महिलाएं अपने पूर्वजों को तर्पण किया । यह प्रथा सदियों से चली आ रही है। सीता कुंड पर स्नान करने के लिए महिलाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। शास्त्र के अनुसार तर्पण पिंडदान करने का अधिकार पुरुष वर्ग को दिया गया है मान्यता है कि इस स्थान पर माता सीता ने वनवास के दौरान अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया था तब से चली आ रही परंपरा के अनुसार महिलाओं ने तर्पण किया।
सदियों से विंध्य पर्वत भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। मान्यता है कि वनवास के दौरान जब भगवान राम भ्राता लक्ष्मण और अपनी पत्नी सीता के साथ जंगल में घूम रहे थे। तब राजा दशरथ के मृत्यु की खबर लगने पर भगवान राम ने रामघाट पिंडदान किया था माता सीता ने सीता कुंड स्नान करके तर्पण किया था । तब से यह परम्परा चली आ रही है। मंदिर के पुजारी पं0 बृजेश महाराज का कहना है कि यह परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है।

यहां पर उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश से आई महिलाओं ने सीता कुण्ड में स्नान किया । अपने पूर्वजों के लिए तर्पण कर परिवार के खुशहाली की कामना की। मध्य प्रदेश के सतना से आयी दुर्गावती और अनिता का कहना है साल भर से वह लोग इंतजार करती है। हम लोगों को पूर्वजों को तर्पण करने का मौका यहीं पर मिलता है।
BY- Suresh Singh

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