महाराष्ट्र के 150,000 से अधिक बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं। इससे मुंबई में बैंकिंग कामकाज बाधित हो गया है। बैंक अधिकारी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
बैंकिंग सेक्टर में सुधार संबंधी प्रस्तावित सरकारी नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मियों की एक दिवसीय अखिल भारतीय हड़ताल के चलते मंगलवार को पूरे देश में बैंक सेवाएं प्रभावित हैं।
हड़ताल का आह्वान करने वाले नौ बैंक संघों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के एक अधिकारी ने कहा कि देश की 1,30,000 शाखाओं में कार्यरत 10 लाख से भी अधिक बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं,
एआईबीईए ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि 17 सूत्री मांगों में प्रमुख मांग सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को पर्याप्त पूंजी देने से इनकार किए जाने से संबंधित है, जिससे निजीकरण की स्थिति पैदा होगी।
एआईबीईए ने कहा, बैंकों के निजीकरण का अर्थ है कि हमारे बैंकों में मौजूद आम जनता के 80 लाख करोड़ रुपये का निजीकरण हो जाएगा।