साइलेंट हार्ट अटैक पर लगाएगी रोक
दरअसल, तमिलनाडु के रहने वाले 16 वर्षीय मनोज द्वारा बनाई गई इस विचित्र डिवाइस से मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट भी हैरान है। यही नहीं इस साइंस की दुनिया का एक चमत्कार माना जा रहा है। इस डिवाइस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके माध्यम से साइलेंट हार्ट अटैक को हद तक ठीक किया जा सकता है। एक्सपर्ट की मानें तो ग्रामीण अंचलों में इस डिवाइस को बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक मनोज का कहना है कि अब चूंकि साइलेंट हार्ट अटैक जैसी प्राण घातक बीमारी आम हो चली है। यहां तक कि इससे उम्र की सीमा को भी पार कर लिया है। दबे पांव आने वाली इस मौत से इंसान अंजान रहता है। उसने बताया कि सबसे बड़ी मुश्किल बात यह है कि इस बीमारी का लक्षण पहले नजर नहीं आता।
बिना आॅपरेशन ही लगेगा पता
मनोज के मुताबिक उसके दादा को भी ऐसा ही साइलेंट हार्ट अटैक आया था, जिसमे उनकी जान चली गई। बस यहीं से मनोज का यह सफर शुरू हुई। दादा की मौत के बाद मनोज ने ठान लिया कि उसको एक ऐसी डिवाइस बनानी है, जिससे इस बीमारी पर काबू पाया जा सके। इस डिवाइस के माध्यम से मनोज ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे बॉडी को बिना आॅपरेट किए ही ब्लड बायोमार्कर FABP3 की जांच की जा सकती है। जिसके कारण अटैक की संभावना बनी रहती है।