बाढ़ खतरा बरकरार पिछले कुछ दिनों से जारी लागातार बारिश की वजह से बिहार की राजधानी पटना की सड़कों और अन्य क्षेत्रों में जलभराव हो गया और दो मंत्रियों के घर पानी में घिर गए। वहीं नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की आशंका की वजह से बिहार में बाढ़ प्राकृतिक आपदा का रूप धारण कर सकती है। बताया जा रहा है कि नेपाल सरकार अपने यहां बाढ़ के प्रलय को रोकने के लिए लाखों क्यूसेक पानी छोड़ सकती है। ऐसा होने पर बिहार में प्रलय की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है।
बिहार सरकार ने राहत कार्य को युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश सभी जिलों के जिलाधिकारियों को दिया है। साथ ही बाढ़ में फंसे लोगों बचाने के लिए एनडीआरएफ और हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही हैं। बिहार सरकार ने वायुसेना से जरूरी सामग्री प्रभावित लोगों तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की अतिरिक्त सेवाएं मुहैया कराने को कहा है।
यूपी में भारी बारिश का अनुमान दूसरी तरफ मौसम विभाग ने रविवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार बारिश के कारण घर गिरने, पेड़ गिरने तथा सांप के काटने के चलते लोगों की मौत हुई। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वर्षाजनित इन हादसों में कई लोग घायल भी हुए हैं।
वहीं बिहार में लगातार बारिश ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। राजधानी पटना के निचले इलाकों के ज्यादातर घरों, गलियों और सड़कों पर पानी ही पानी नजर आ रहा है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी यही हालत है।
रेल यातायात, स्वास्थ्य सेवाएं, स्कूलों के संचालन प्रभावित हुए हैं। बिजली की आपूर्ति बाधित है। मौसम विभाग ने कहा कि बिहार में मानसून अभी भी सक्रिय है। यहां आज भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
रेल यातायात, स्वास्थ्य सेवाएं, स्कूलों के संचालन प्रभावित हुए हैं। बिजली की आपूर्ति बाधित है। मौसम विभाग ने कहा कि बिहार में मानसून अभी भी सक्रिय है। यहां आज भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
जलवायु परिवर्तन बाढ़ के लिए जिम्मेदार बारिश से आई तबाही के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार रात में आपात बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा कि पर्यावरण के असंतुलन के चलते जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। उसी कारण शुरूआती दौर में कुछ इलाकों में हेवी रेन हुआ था और बाढ़ की स्थिति आई।