इस अस्पताल में 575 बाढ़ पीड़ित का इलाज किया जा रहा है और इनमें से 75 वेंटिलेटर पर थे। 18 लोगों की मौत के बाद बाकी के 57 लोगों को तुरंत दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चेन्ने। चेन्नई में शुक्रवार को अस्पताल में 18 बाढ़ पीड़ित को मौत हो गई। इन सभी को वेंटिलेटर पर रखा गया था और लोगों का आरोप है कि अचानक बिजली चले जाने के कारण वेंटिलेटर ने काम करना बंद कर दिया। इसी वजह से इन लोगों की मौत हुई। इस अस्पताल में 575 बाढ़ पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है और इनमें से 75 वेंटिलेटर पर थे। 18 लोगों की मौत के बाद बाकी के 57 लोगों को तुरंत दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस मुद्दे पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने कहा कि मौत की वजह साफ नहीं है और जिनकी मौत हुई है उनकी हालत बेहद गंभीर थी। उधर, चेन्ने में शुक्रवार सुबह बारिश थमने से लोगों ने राहत की सांस ली। मृतकों में वो मरीज हैं जिनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी। फिलहाल अस्पताल के सभी मरीजों को निकालकर सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
हादसे की वजह साफ नहीं
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि इस हादसे की वजह साफ नहीं है, अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक लाइट जाने की वजह से वेंटिलेटर फेल हो गए, जिससे इनकी मौत हो गई। इसे लेकर अस्पताल के बाहर लोगों ने हंगामा भी किया। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने कहा कि मौत की वजह साफ नहीं है। जिनकी मौत हुई है वे बेहद गंभीर थे।
अस्पताल में घुस गया था बाढ़ का पानी
एमआईओटी अस्पताल अड्यार नदी के किनारे बना हुआ है। नदी का जलस्तर बढऩे के कारण अस्पताल में बाढ़ का पानी पहले ही घुस चुका है। हालांकि तमिलनाडु सरकार अभी तक इस मसले पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। राधाकृष्णन ने जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करने की बात कही है। एमआईओटी से सभी मरीजों को निकाल लिया गया है। अस्पताल खाली करा लिया गया है।
चेन्नई के लोगों के लिए ये घटना एक और चोट की तरह है। भारी बारिश के बाद चेन्नई पहले ही पानी-पानी है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और इन्होंने अपना सब कुछ गंवा दिया है। केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार को 1000 करोड़ की अतिरिक्त मदद दी है। खुद पीएम मोदी ने कल तमिलनाडु में हवाई दौरा किया।