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1984 सिख विरोधी दंगा: इस चश्मदीद की गवाही ने सज्जन कुमार को दिलाई उम्रकैद की सजा

locationनई दिल्लीPublished: Dec 17, 2018 04:25:21 pm

Submitted by:

Anil Kumar

कोर्ट ने पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आपराधिक साजिश और दंगा भड़काने का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

1984 सिख विरोधी दंगा: इस चश्मदीद की गवाही ने सज्जन कुमार को दिलाई उम्रकैद की सजा

1984 सिख विरोधी दंगा: इस चश्मदीद की गवाही ने सज्जन कुमार को दिलाई उम्रकैद की सजा

नई दिल्ली। तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक बड़ी सफलता मिली, लेकिन सोमवार को इसके ठीक उलट एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कुमार को आपराधिक साजिश और दंगा भड़काने का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। बता दें कि इतने वर्षों बाद सज्जन कुमार को सजा दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उस गवाह की गवाही रही जिसने निड़रता के साथ कोर्ट के सामने अपना बयान दर्ज कराया। जिसके बयान के आधार पर कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। तो आखिर कौन है वह गवाह, जिसकी गवाही ने सज्जन कुमार को जिंदगीभर के लिए सलाखों के पीछे पहुंचाया?

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ये है सबसे बड़ा गवाह

बता दें कि 34 वर्षों बाद सिख दंगों के मामले में पीड़ित परिवारों को न्याय मिला है। इसके लिए सबसे बड़ा गवाह निरप्रीत कौर की गवाही जिम्मेदार है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1 से 3 नवंबर तक दिल्ली में सिखों का कत्ल-ए-आम किया गया था। कोर्ट में गवाही देते हुए निरप्रीत कौर ने कहा कि जिस वक्त यह दंगा भड़का उस समय वह दिल्ली विश्वविद्यालय के वेंकटेश्वर कॉलेज में बीएससी की पढ़ाई कर रही थी। वह पालम में अपने परिवार के साथ रहती थी। जिस समय सिखों पर हमले शुरू हुए तो अधिक से अधिक लोगउशके घर में बचने के लिए घुस आए। यही वजह थी कि हिंसक भीड़ ने उसके पिता को निशाना बनाया। उनकी आंखों के सामने ही उसके पिता निर्मल सिंह को जिंदा जला दिया गया। उसके पिता तीन बार हमलावरों के चंगुल से बचने की कोशिश की लेकिन वह नाले में गिर गए और फिर भीड़ ने लाठी-डंडों सी पीट कर उनको मार डाला। अपने बयान में कौर आगे कहती हैं कि उसके पिता समझौता करने के लिए आगे बढ़े थे लेकिन लोगों ने उन्हें जिंदा जला दिया। जब वह भागकर घर के अंदर गई तो देखा कि उसकी मां बेहोश पड़ी है औऱ सामने पुलिस खड़ी है। लोगों ने मेरे घर को भी आग लगा दी थी।

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सज्जन कुमार ने भड़काया था दंगा: सीबीआई

बता दें कि निरप्रीत कौर के बयान के आधार पर ही कोर्ट ने सज्जन कुमार समेत 6 लोगों पर दिल्ली कैंट में 5 सिखों की हत्या के लिए मामला दर्ज किया गया था। जांच में सीबीआई ने पाया था कि 2 नवंबर 1984 को जिस समय दंगा भड़का उस समय सज्जन कुमार घटनास्थल पर मौजूद थे। उन्होंने ही दंगाईयों को भड़काया था। हालांकि ट्राइल कोर्ट ने सज्जन कुमार को पांच अन्य विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया था जबकि इस मामले में बरी कर दिया था। मालूम हो कि बीते महीने पटियाला हाउस कोर्ट में एक गवाह चाम कौर ने सज्जन कुमार की पहचान की थी। अपने बयान में चाम कौर ने कोर्ट को बताया था कि सज्जन कुमार घटना स्थल पर मौजूद था। सज्जन कुमार ने ही लोगों को भड़काया और कहा था कि सिखों ने हमारी मां (इंदिरा गांधी) का कत्ल किया है, इसलिए इन्हें नहीं छोड़ना। इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई।

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