एक कार्यक्रम के दौरान त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पिछले दो दिनों में पांच लोग कोरोना पॉजिटिव (
COVID-19 ) के साथ राज्य में आए हैं। उन्होंने आशंका जताई कि इन आंकड़ो देखकर ऐसा लगता है कि जो 2.5 लाख लोग वापस राज्य में आना चाहते हैं, उनमें 25 हजार कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं। जबकि, 1.87 लाख लोग राज्य में वापस आने के लिए रजिस्टर करा चुके हैं।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हम अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में लगे हैं। साथ ही सभी जिलों में सरकारी अस्पतालों में गहन देखभाल इकाइयों और वेंटिलेटर स्थापित करने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि लगभग 2-2.25 लाख लोग राज्य लौटेंगे और इनमें तकरीब 25,000 लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। रावत ने कहा कि इन 25,000 में से 5000 लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है, जबकि 500 लोगों को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए हम अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, क्योंकि हम लोगों को सड़क पर नहीं छोड़ सकते हैं।
गौरतलब है कि गुजरात के सूरत से सात मई को पहाड़ी जिले में लौटा एक शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। ग्रीन जोन कोरोना का यह पहला मामला है। राज्य में अब तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 68 पहुंच चुका है, जिनमें 46 लोग ठीक हो चुके हैं। जबकि, अब भी 21 केस एक्टिव हैं। इसके अलावा चिन्यालीसौड़ जिले में सूरत से लौटे चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर डीपी जोशी ने कहा कि तीन युवक का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है, जिनके रिपोर्ट का अभी इंतजार है। प्रवासियों के आने से राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है। लिहाजा, सरकार ने चिंता जताई है कि अगर 2.25 लाख लोग उत्तराखंड वापस लौटते हैं तो इनमें करीब 25 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं।