विविध भारत

बीते 500 वर्षों में धरती से खत्म हो गईं 250 प्रजातियां, कई बड़े रीढ़ वाले जानवर भी होने वाले हैं विलुप्त

Highlights.- शोध के अनुसार, मनुष्यों में नॉनवेज खाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है – इस खतरनाक प्रवृत्ति के कारण बीते पांच सौ वर्षों में ढाई सौ प्रजाति खत्म हो गईं – तीन प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा तेजी से बढ़ा है, इसमें रीढ़ वाले जानवर भी शामिल
 

Feb 12, 2021 / 11:02 am

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
लोगों में नॉनवेज खाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। हम जानवरों नहीं मनुष्यों की बात कर रहे हैं। शायद इसी का नतीजा है पृथवी से अब तक करीब ढाई सौ प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। मगर चौंकाने बात जो अभी आगे है, वह यह कि मनुष्य की इस प्रवृत्ति के कारण करीब 300 और प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। इनमें रीढ़ वाले जानवरों की प्रजाति करीब 200 है। यकीनन यह भविष्य के लिए खतरे का संकेत भी है। ऐसी ही कुछ प्रजातियों के बारे में हम आपको इस रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं।
हाल ही हुए एक शोध के मुताबिक, बीते करीब पांच सौ वर्षों में मनुष्य ने शिकार की अधिक से अधिक उन्नत तकनीक हासिल की है। इस वजह से शिकार में 2 प्रतिशत मेगाफुना प्रजातियों तथा 10 प्रतिशत से भी कम रीढ़ वाले जानवर विलुप्त हो गए। इनमें 9 मेगाफुना प्रजाति ऐसी हैं, जो बीतें करीब ढाई सौ वर्षों में पूरी तरह खत्म हो गईं। इसमें विशालकाय कछुए और हिरन की दो प्रजातियां शामिल हैं। विशालकाय कछुए की एक प्रजाति तो वर्ष 2012 में ही विलुप्त हुई है। वैसे, आपको आगाह कर दें कि मनुष्य जिस तेजी से नॉनवेज खा रहे हैं, उससे यह आसपास की सभी बड़ी प्रजातियों के लिए यह खतरा बन गया है। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि मानव जाति करीब 98 प्रतिशत खतरे वाली प्रजातियों को अपने भोजन में शामिल कर चुका है।
यही नही, शोध में स्पष्ट हुआ कि मौजूदा वक्त में करीब तीन सौ प्रजातियां ऐसी हैं, जिनमें लगभग 70 प्रतिशत की संख्या लगातार कम हो रही है। वहीं, 59 प्रतिशत के गायब होने का खतरा भी बरकरार है। मनुष्य जिस तेजी से नॉनवेज खा रहे हैं, उससे यह आशंका जताई जा रही है कि मेगाफुना प्रजाति या रीढ़ वाले जानवरों पर खतरा अधिक बढ़ा है। हालांकि, रीढ़ वाले जानवरों की तुलना में मेगाफुना आबादी का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम होता है।
बहरहाल, मांस खाने के अलावा, एशियाई पारंपरिक चिकित्सा लेने वाले भी बड़ी प्रजातियों पर भारी टोल लगाते हैं। जिन प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है, उनमें से एक चीनी सैलेमेंडर भी हैं। यह पानी में रहने वाला प्रजाति है और छिपकली से मिलता-जुलता है। इसकी लंबाई करीब 6 फीट तक होती है। सैलेंमेंडर एमफीबियन की कुल तीन प्रजातियों में से एक अकेली वह प्रजाति है, जो अब जीवित बची है और अब खतरा इस पर आ गया है। पता इसके खत्म होने के बाद नॉनवेज के शौकीन किसे खाने वाले हैं। मगर प्रजातियों का इस तरह कम होना हर दृष्टि से खतरनाक संकेत है।

Home / Miscellenous India / बीते 500 वर्षों में धरती से खत्म हो गईं 250 प्रजातियां, कई बड़े रीढ़ वाले जानवर भी होने वाले हैं विलुप्त

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.