डेविड हेडली का बयान पहले ही दर्ज हो चुका है
बता दें कि याचिकाकर्ता के वकील हितेन वेनेग्वोनकर ने कहा कि दस्तावेजों को वर्गीकृत किया गया था इसलिए अबतक इसे साझा नहीं किया जा सका है। इस पर जिंदाल के वकील युग चौधरी ने तर्क देते हुए कहा कि फिर आरोपी के अधिकार कम क्यों किए जा रहे थे। गौरतलब है कि पिछले महीने ट्राइल कोर्ट ने जिंदल के वकील अब्दुल वाहेब खान से यात्रा दस्तावेज साझा करने के लिए कहा था। बता दें कि कई वर्षों से जिंदाल के खिलाफ ट्राइल चल रहा है। जबकि पिछले वर्ष ही अभियोग पक्ष ने पाकिस्तानी मूल के अमरीकी नागरिक डेविड हेडली का बयान दर्ज किया था। डेविड पर आरोप है कि उसने अबु जिंदाल को मुंबई तक पहुंचाया था।
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26/11 में 166 लोगों की हुई थी मौत
अभियोग पक्ष के अनुसार जिंदाल ने कराची में आतंकवादी नियंत्रण कक्ष से 26 नवंबर, 2008 के हमलों को अंजाम दिया। इस नरसंहार में 166 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हालांकि इस घटना के तुरंत बाद जिंदाल भागकर सऊदी अरब चला गया। बता दें कि कोर्ट में जिंदाल के वकील ने दलील दी कि सऊदी अरब की सरकार ने जिंदाल को निर्वासित कर दिया था और दिल्ली आने वाली फ्लाइट में जिंदाल के साथ तीन भारतीय पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।