सीएसटी पर अनाउंसर थे बबलू कुमार दीपक
इन्हीं में से एक थे बबलू कुमार दीपक जो मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर अनाउंसर की ड्यूटी कर रहे थे। वैसे तो आतंकियों के आने की घोषणा कर लोगों की जान बचाने के लिए विष्णु झेंडे का नाम हर कोई जानता है, लेकिन यही काम करने वाले बबलू कुमार दीपक को कोई नहीं जानता। बबलू भी टर्मिनल पर अनाउंसर यानी उदघोषक का काम करते हैं और उन्होंने भी आतंकियों के आने की जानकारी देकर कई लोगों की जान बचाई थी, लेकिन बबलू कुमार दीपक को कोई नहीं जानता।
ड्यूटी के वक्त सुनी थी धमाके की आवाज
आपको बता दें कि छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर दो बूथ हैं, जहां से ट्रेनों के आने जाने की घोषणा होती है। टर्मिनल का जो मुख्य बूथ है, उसपर 26 नवंबर 2008 को बबलू की ड्यूटी थी। घटना वाले दिन का जिक्र करते हुए बबलू कहते हैं, ‘‘आप ड्यूटी चार्ट देख लीजिए, मैं तीन से 11 की शिफ्ट पर था, रात को 9 बजकर 50 मिनट पर मैंने धमाके की आवाज़ सुनी और आतंकियों को देखा, आतंकी बूथ के बाहर ही मौजूद थे और उनके हाथो में हथियार भी थे। बबलू बताते हैं कि मैंने घोषणा की कि लोग मुख्य लाइन की प्लेटफॉर्मों पर न आएं, उसके बाद हमलावरों ने गोलियाँ चलानी शुरु कर दीं।’’
500 रुपए के ईनाम से किया सरकार ने सम्मानित बबलू को सरकार से ये शिकायत है कि जो काम मैंने किया वहीं काम विष्णु झेंडे ने भी किया था, लेकिन विष्णु झेंडे को सरकार ने 15 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किया तो वहीं बबलू कुमार दीपक को सिर्फ 500 रुपए का ईनाम दिया गया, ये कहां का न्याय है? बबलू कुछ देर तक बूथ में रहे और अधिकारियों को जानकारी देने के बाद उन्होंने बूथ की लाइटें बंद कर दीं। बबलू बताते हैं कि उस दिन रात दो बजे तक उन्होंने काम किया था, इतना ही नहीं अस्पताल ले जाने वालों की भी मदद की थी, लेकिन मेरे काम को किसी ने नहीं देखा।