राफेल विमानों का पहला स्क्वॉड्रन अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात हो चुका है। विमानों की पहली खेप बीते साल 29 जुलाई को फ्रांस से भारत आई थी। भारत ने 59 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए साल 2015 में फ्रांस सरकार के साथ करार पर दस्तखत किए थे।
रफाल मामला: मोदी सरकार ने 126 की जगह 36 हीं क्यों खरीदा? ये है इसका बड़ा कारण टैंकर ने बीच हवा में राफेल में भरा ईंधन इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर तीन और रफाल विमानों के पहुंचने सूचना दी है। एयरफोर्स ने ट्वीट कर जानकारी दी कि फ्रांस के इस्तरेस एयरबेस से सीधे फ्लाइट के जरिए तीन रफाल की चौथी खेप भारत पहुंची है। एक दूसरे ट्वीट में वायुसेना ने बताया कि यूएई एयरफोर्स के टैंकरों ने फ्लाइट के दौरान रफाल में ईंधन भरा। यह दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच मजबूत रिश्तों में एक और मील का पत्थर है। वायुसेना ने इस दौरान रफाल की लैंडिंग की वीडियो क्लिप भी तैयार की है।
बीते साल वायु सेना में हुआ था शामिल बीते साल 10 सितंबर को अंबाला में हुए एक कार्यक्रम में राफेल लड़ाकू विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल करा गया था। तीन विमानों की दूसरी खेप तीन नवंबर भारत पहुंची थी। वहीं तीन और विमानों की तीसरी खेप 27 जनवरी आई थी।
हाशिमारा में राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन अंबाला के बाद अब पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन तैयार किया गया है। राफेल विमान के दूसरे स्क्वॉड्रन को हाशिमारा में मुख्य संचालन अड्डे पर तैनात किया गया है। भारत को अगले कुछ माह में फ्रांस से और विमान भी मिलने वाले हैं। एक स्क्वॉड्रन में लगभग 18 विमान होते हैं।