खबरों के अनुसार, सतारा जिले के पास शिरवाल के नजदीक 31 मई 2017 को चार वर्षीय बच्ची को सड़क हादसे के दौरान सिर में गंभीर चोटें आईं। अस्पताल में मासूम का उपचार हुआ। दो सर्जरी के बाद उसको अस्पताल से छुट्टी मिल गई। लेकिन वह मायूस रहने लगी। डॉक्टर्स ने इस वर्ष लड़की को पुन: चिकित्सालय में भर्ती किया और इस 18 मई को सफलतापूर्वक खोपड़ी की प्रत्यारोपण सर्जरी हुई। बच्ची की मां जो एक ग्रहणी हैं उन्होंने बताया कि वह स्कूल जा रही है। अपने दोस्तों के साथ खूब मस्ती करती है। वह पहले जैसी ही अब काफी खुश है। उसके पिता एक स्कूल बस चालक है। परिवार कोथरुड में रहता है।
शुरूआत में बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर जितेंद्र ओसवाल ने बताया कि “दुर्घटना का असर काफी गंभीर था। अस्पताल में उसे बेहोशी की हालत में हमारे यहां लाया गया था। लड़की के सिर से काफी रक्त बह रहा था। उसे फौरन वेंटिलेटर पर रखा गया। कंप्यूटर असिस्टेड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) की गई। जिसमें खोपड़ी की पिछली हड्डी टूटी हुईं थी और काफी सूजन भी दिख रही थी। जिससे मस्तिष्क पर दबाव बन रहा था। दिमाग में सूजन (Edema) हो गई थी। ” बता दें कि मेडिकल भाषा में सूजन को एडिमा (Edema) के नाम से जाना जाता है। सूजन आम तौर पर किसी जगह पर द्रव एकत्रित होने के परिणाम से होती है। सूजन शरीर के अंदर भी हो सकती, और बाहर त्वचा को भी प्रभावित कर सकती है। डॉ. ओसवाल ने आगे बताया कि जब बच्ची की क्लिनिकल स्थिति के 48 घंटे बाद भी सुधार नहीं हुआ तो हमने फिर से सीटी स्कैन किया। जिसमें पाया कि उसके सिर में घातक सूजन है ( malignant cerebral edema)। उन्होंने बताया कि यह असामान्य अवस्था थी। चोट का असर इतना गंभीर था कि पूरे मस्तिष्क के केंद्र को दूर कर दिया। इस अवस्था को मेडिकल भाषा में मस्तिष्क की मध्य रेखा के रूप में देखा जाता है, इसे मिडलाइन शिफ्ट ऑफ द ब्रेन (midline shift of the brain) कहते हैं।