अब नहीं दौड़ना होगा सरकारी दफ्तर
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इससे नागरिकों का समय और सरकारी कार्यालयों का बार-बार का दौरा बचेगा। उन्होंने इस निर्णय को ‘सरकार को दरवाजे पर लाने’ तथा ‘शासन का होम डिलिवरी’ करार दिया। मंत्री ने कहा कि नागरिकों को यह सेवाएं सामान्य कार्यालय अवधि के अलावा भी मिलेगी।
कम शुल्क में ज्यादा लाभ
सिसोदिया ने कहा कि इसके लिए लोगों से मामूली शुल्क लिया जाएगा और इन सेवाओं के लिए किसी निजी कंपनी की सेवाएं ली जाएंगी। नई परियोजना के तहत, अगर कोई व्यक्ति सरकार से कोई सर्टिफिकेट चाहता है तो उसे कॉल सेंटर पर टेलीफोन करना होगा।
घर से इकट्ठा होगा दस्तावेज
उसके बाद एक ‘मोबाइल सहायक’ आवेदक के घर या कार्यालय जाकर जरूरी दस्तावेज इकट्ठा करेगा, फोटो और बायोमीट्रिक विवरण दर्ज करेगा और उसके बाद आवेदन की प्रक्रिया पूरी करेगा।
देश में पहली बार
मनीष सिसोदिया ने इस सेवा को भारत में अपनी तरह की पहली सेवा करार देते हुए कहा कि आवेदक ‘मोबाइल सहायक’ को निर्धारित आवेदन शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।
अभी ये सेवाएं हैं शामिल
जिन 40 सेवाओं को इसके दायरे में लाया जाएगा, उनमें ओबीसी और एससी/एसटी सर्टिफिकेट, मोटर पंजीकरण सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, दिव्यांग और वृद्ध सर्टिफिकेट के साथ ही सीवेज कनेक्शन जैसी सेवाएं शामिल है। सिसोदिया ने कहा कि इसमें धीरे-धीरे सभी सरकारी सेवाओं को जोड़ दिया जाएगा। यह परियोजना तीन से चार महीने में लागू हो जाएगी।
ये है पूरा तरीका
अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं तो सबसे पहले एक फोन करना होगा। यहां नाम और अपना विवरण बताना होगा। इसके बाद एजेंसी से नियुक्त एक मोबाइक सहायक अपके घर पहुंचेगा। जो आपके आवश्क दस्तावेज इकट्ठा करेगा। इस मोबाइक सहायक के पास बायॉमैट्रिक डिवाइस, कैमरे और जरुरी चीजें भी होंगी। इसके बाद इसके बदले आपसे मामूली रकम ली जाएगी।