एम्स की मांग, 400 मुस्लिमों ने मोदी को लिखा संस्कृत में खत
Published: May 10, 2015 03:09:00 pm
एम्स की मांग पर अड़े महोबा के 400 मुस्लिमों ने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संस्कृत भाषा में मांग पत्र भेजा है
महोबा। अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) की मांग पर अड़े उत्तर प्रदेश में महोबा के बाशिंदे नित्य अनूठे प्रयोग कर रहे है। इस कड़ी में नगर के 400 मुस्लिमों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संस्कृत भाषा में मांग पत्र भेजा है।
एम्स आन्दोलन की अगुआई कर रहे संगठन बुन्देली समाज के संयोजक तारा पाटकार ने आज बताया कि एम्स की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को एक लाख चिट्ठियां भेजने के लक्ष्य में अब तक यहां रिकार्ड 65 हजार पोस्टकार्ड 16 भाषाओं में भेजे जा चुके है। इनमें हिन्दी के अलावा अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, मराठी उडिया, मलयालम, तेलगू, पंजाबी, सिन्धी आदि भाषाएं शामिल हैं।
अलग-अलग भाषाओं में पत्र भेजे कर यह बताने की कोशिश की गई है कि भाषा और खानपान की विविधता वाले देशवासियों का एक बड़ा हिस्सा बुन्देलखण्ड का निवासी है और यहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना की मांग एकजुट है।
पाटकार ने बताया कि मुस्लिम समुदाय ने देववाणी में पत्र लिख ना सिर्फ अनूठी मिसाल पेश की है बल्कि इसके सर्वाधिक प्राचीन भाषा होने की मान्यता को स्वीकार कर इसे धर्म सम्प्रदाय में बंाटने वालों के मुंह पर तमाचा जड़ा है, हांलाकि उन्हें संस्कृत सीखने के लिए एक विद्वान की मदद लेनी पडी।
बुंदेली नेता ने उम्मीद जताई कि पोस्टकार्ड अभियान के जरिए महोबा वासियों द्वारा भेजी जा रही मन की बात जल्दी ही प्रधानमंत्री के दिल को छुयेगी और दैवीय आपदाओं के शिकार हो एक-एक कर जिन्दगी की जंग हार रहे बुन्देलों को मोदी से एम्स की सौगात मिलेगी।