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महाराष्ट्रः अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे 50 हजार किसान, विधानसभा का करेंगें घेराव

locationनई दिल्लीPublished: Mar 09, 2018 09:49:26 pm

Submitted by:

Mazkoor

महाराष्ट्र की सरकार ने ऋणमाफी योजना के प्रथम चरण के तहत 4,000 करोड़ रुपए के ऋण की माफी की घोषणा की थी।

farmer protest

नासिक। किसानों के आन्दोलन ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल पैदा कर दिया है। अपनी मांगों को लेकर नासिक से निकले आक्रोशित किसानों के आन्दोलन ने जोर पकड़ लिया है और अब किसान मंबई की ओर मार्च कर रहे हैं। आगे बढ़ते हुए 50 हजार से अधिक किसानों का जत्था शुक्रवार को महाराष्ट्र के ठाणे पहुंचा। 180 किलोमीटर लंबी इस यात्रा की शुरूआत 5 मार्च को सेंट्रल नासिक के सीबीएस चौक से हुई थी। इससे पहले तमिलनाडू के किसानों ने जंतर-मंतर दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था।

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विधानसभा का घेराव करेंगें किसान
आपको बता दें कि किसान 12 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे। ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर तले किसान आंदोलन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह पहली बार है जब किसान अपने परिवार के साथ सड़कों पर उतरे हैं। इस आन्दोलन में हर शहर से किसान जुड़ते जा रहे हैं लेकिन अभी तक महाराष्ट्र सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी है और इनकी किसी भी मांग पर विचार नहीं किया है। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो हम विधानसभा का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे।

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अबतक हजारों किसानों ने की है खुदकुशी
आपको यहां बताते चलें कि ये किसान रोजाना तीस से पैंतीस किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हैं। करीब 70 किलोमीटर की दूरी तय पूरा करने के बाद किसानों ने कल की रात शाहपुर इलाके में गुजारी। महाराष्ट्र लंबे समय से किसानों की समस्या से जूझ रहा है और अब तक हज़ारों किसानों ने खुदकुशी कर ली है। किसानों के मुद्दे को लेकर शिवसेना और भाजपा में भी तकरार बढ़ा है। शिवसेना देवेंद्र फडण्वीस सरकार को इस मामले पर घेर चुकी है। आपको बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं और इसके अलावा महाराष्ट्र में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में किसानों को लगता है कि सरकार पर दबाव डालने का ये सही वक्त है। इसी को ध्यान में रखते हुए किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को घेरना शुरु कर दिया है।

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सरकार से किसानों की क्या है मांग…
कर्जमाफी किसानों की सबसे बड़ी मांग है। बैंकों से लिया कर्ज किसानों के लिए बोझ बन चुका है। मौसम के बदलने से हर साल फसलें तबाह हो जाती है। ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले। किसान संगठनों का तर्क है कि महाराष्ट्र के अधिकतर किसान फसल बर्बाद होने के कारण बिजली बिल नहीं चुका पाते हैं। इसलिए उन्हें बिजली बिल में छूट दी जाए। इसके अलावा किसान सरकार से फसलों के वाजिब दाम की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। ऑल इंडिया किसान सभा की मांग है कि सरकार सुपर हाइवे और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार किसानों की जमीन पर अधिग्रहण न करें। महाराष्ट्र की सरकार ने ऋणमाफी योजना के प्रथम चरण के तहत 4,000 करोड़ रुपए के ऋण की माफी की घोषणा की थी। किसान स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को भी लागू करने की मांग लगातार कर रहे हैं।

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