आईएचडीएस सर्वे के आधार पर आंध्र प्रदेश के हिस्से 5.8, गुजरात के हिस्से 5.4, बिहार के हिस्से 5, मध्य प्रदेश के हिस्से 4.8 फीसदी लोग आएंगे। अन्य सभी राज्यों की हिस्सेदारी 36.5 फीसदी रहेगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल, यूपी और महाराष्ट्र के हिस्से सवर्ण आरक्षण का लाभ 40 फीसदी से ज्यादा आएगा। आईएचडीएस सर्वे के मुताबिक ब्राह्मणों की आबादी में 8 लाख से कम सालाना आय वाले परिवारों का प्रतिशत 74.5 है जो कि बाकी सभी जातियों की तुलना में सबसे बेहतर है।
आपको बता दें कि सरकारी नौकरियों और शिक्षा में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए ज़रूरी संविधान संशोधन संसद से पास हो चुका है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी है और गुजरात सरकार ने 14 जनवरी से इसे राज्य में लागू भी कर दिया है। गुजरात के बाद भाजपा शासित राज्य झारखंड में भी यह लागू हो गया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी इसे जल्द लागू करने की योजना है। आरक्षण के दायरे में 8 लाख रुपए से कम सालना आय के सामान्य वर्ग वाले परिवार आएंगे जिनकी संख्या देश में 5 करोड़ 15 लाख के आस-पास आंकी गई है।