scriptभारतीय सशस्त्र बलों में 52 हजार पद रिक्त, 21 हजार खाली पदों के साथ सेना शीर्ष पर | 52 thousand vacancies in Indian Armed Forces vacant, Army with 21,000 | Patrika News

भारतीय सशस्त्र बलों में 52 हजार पद रिक्त, 21 हजार खाली पदों के साथ सेना शीर्ष पर

locationनई दिल्लीPublished: Mar 21, 2018 11:11:48 pm

Submitted by:

Mazkoor

2016 में भारत और फ्रांस के बीच 58 हजार करोड़ रुपये के 36 राफेल लडाकू विमान खरीदने का सौदा हुआ था।

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नई दिल्ली। लोकसभा में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि भारतीय सशस्त्र बल में 52 हजार से अधिक सैनिकों की कमी है जिसमें 21 हजार पद सेनाओं के रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि सेना में 21,383 कर्मियों की कमी है, जबकि नेवी में 16,348 और वायु सेना में 15,010 पदें रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि सेना में 7,680 ऑफिसरों के पद खाली पड़े हैं।
भारत-चीन सीमा पर 73 रणनीतिक सड़कों को मजबूत करने के लिए एक परियोजना के कार्यान्वयन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुल 981 किलोमीटर लंबाई वाली 23 सड़कों पर काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि 2,436 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली 33 अन्य सड़कों पर काम चल रहा है। बता दें कि इस परियोजना को 2006-07 में सरकार ने मंजूरी दे दी थी और इसे 2012 तक पूरा करना था।

भारत-फ्रांस के बीच 36 राफेल जेट्स का सौदा
राफेल सौदे पर बोलते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 36 राफेल जेट्स को खरीदने में सभी प्रासंगिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।
बता दें कि 2016 में भारत और फ्रांस के बीच 58 हजार करोड़ रुपये के 36 राफेल लडाकू विमान खरीदने का सौदा हुआ था। यह सौदा सरकार-से सरकार के बीच हुआ था। इस सौदे के तहत फ्रांस भारत को सितंबर 2019 तक विमानों की डिलीवरी शुरू कर देगा।

कांग्रेस का आरोप
आपको बता दें कि राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने लगातार सरकार पर आरोप लगाया है कि इस डील में भ्रष्टाचार हुआ है। कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार में हुए राफेल डील काफी महंगा है, जबकि उनकी सरकार में हुए डील काफी सस्ते थे। कांग्रेस ने मांग की है कि राफेल डील से संबंधित दस्तावजों को सरकार सार्वजनिक करें।
हालांकि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा है कि 36 राफेल विमानों के अधिग्रहण और पूरी खरीद प्रक्रिया में निर्धारित पारदर्शीता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रासंगिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने भारतीय वायु सेना की परिचालन आवश्यकता पर विचार करने वाले विमानों की खरीद के लिए अंतर-सरकारी मार्ग को प्राथमिकता दी है।

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