scriptवाई-फाई से लैस होंगे देश के 6000 रेलवे स्टेशन, पीयूष गोयल ने आठ महीने का दिया टारगेट | 6000 railway stations will be high-speed WiFi-enabled in next 8 months says Piyush Goyal | Patrika News

वाई-फाई से लैस होंगे देश के 6000 रेलवे स्टेशन, पीयूष गोयल ने आठ महीने का दिया टारगेट

Published: Aug 28, 2018 10:40:23 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

पीयूष गोयल ने कहा कि हम स्मार्ट परियोजनाओं को लागू करने पर ध्यान दे रहे हैं। हमने स्मार्ट तरीके से सोचना, योजना बनाना और काम करना शुरू कर दिया है।

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नई दिल्ली। देश के प्रमुख रेलवे प्लेटफॉर्म को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा देने बाद रेल मंत्रालय ने एक और बड़ा ऐलान किया है। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा करीब छह हजार रेलवे स्टेशन छह से आठ महीनों में वाई-फाई से लैस हो जाएंगे। इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर का काम अंतिम दौर में है।

6 हजार रेलवे स्टेशनों को बनाया लक्ष्य

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आयोजित ‘स्मार्ट रेलवे सम्मेलन’ में गोयल ने कहा, “हमारा विश्वास है कि यदि हमें डिजिटल तकनीक का अधिकतम लाभ उठाना है, तो देश के सुदूर इलाके में तकनीक की पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले छह से आठ महीने में सभी रेलवे स्टेशन, लगभग 6,000 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा होगी। इसके लिए रेलवे अपने नेटवर्क में उपलब्ध ऑप्टिकल फाइबर के अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यक्रम पर काम कर रहा है।

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स्मार्ट हो रहा भारतीय रेल मंत्रालय

रेलमंत्री ने कहा कि हम स्मार्ट परियोजनाओं को लागू करने पर ध्यान दे रहे हैं। हमने स्मार्ट तरीके से सोचना, योजना बनाना और काम करना शुरू कर दिया है। मेरा मानना है कि यही वो बदलाव है, जो आपने पिछले चार साल में महसूस किया है। मंत्री ने ट्रेनों को समय से चलाने पर जोर दिया और कहा कि स्टेशन मास्टर द्वारा हाथ से भरी जाने वाली समय सारिणी की व्यवस्था को बंद करने के कारण एक अप्रैल से 28 अगस्त तक रेलों का समय पालन 73-74 फीसदी तक सुधर गया है।

हर इंजन में लगाए जा रहे जीपीएस

गोयल ने बताया कि मंत्रालय हम हर इंजन पर जीपीएस लगाने की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि हर रेल की वास्तविक समय में जानकारी मोबाइल फोन पर मिल सके। मंत्री ने कहा कि रेलवे विद्युतीकरण की दिशा में भी काम कर रहा है, जिससे हर सालाना दो अरब डॉलर की बचत होगी। इस राशि का बोझ भी यात्रियों पर ही पड़ता है। कुशल रेलवे होने के साथ हम गरीबों पर बोझ नहीं बनना चाहते।

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