सांस की नली हो गई थी बंद
यह घटना स्पाइसजेट के विमान एसजी 438 की है। विमान मुंबई से अमृतसर के लिए उड़ान भर चुका था। तभी इस यात्री को सांस की नली अवरुद्ध हो गयी। उसके नकली दांतों का जबड़ा उसके गले में जा कर फंस गया था, जिसके वजह से सांस-नली बंद हो गयी। जिसके बाद विमान को तुरंत दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तरफ मोड़ दिया गया और उसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गयी। दिल्ली में उसे अस्पताल ले जाय गया पर उसकी मौत हो चुकी थी।
यह घटना स्पाइसजेट के विमान एसजी 438 की है। विमान मुंबई से अमृतसर के लिए उड़ान भर चुका था। तभी इस यात्री को सांस की नली अवरुद्ध हो गयी। उसके नकली दांतों का जबड़ा उसके गले में जा कर फंस गया था, जिसके वजह से सांस-नली बंद हो गयी। जिसके बाद विमान को तुरंत दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तरफ मोड़ दिया गया और उसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गयी। दिल्ली में उसे अस्पताल ले जाय गया पर उसकी मौत हो चुकी थी।
शरीर में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौत
एयरपोर्ट पर मेदांता अस्पताल के डॉक्टर प्रभंजन शकुन्त ने बताया ‘सांस की नाली बाधित होने से मरीज सांस नहीं ले पाया, और उसका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। जिससे पता चल रहा था कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो गयी थी।’ उन्होंने आगे बताया कि वह व्यक्ति पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से पीड़ित था और उसका आधा शरीर लकवा-ग्रस्त था। इस वजह से यह केस संभालना और ज्यादा मुश्किल हो गया था। यहां लाने के बाद करीब एक घंटे तक कार्डिओ-पल्मनरी पुनर्जीवन की प्रक्रिया की गयी, जोकि इससे पहले फ्लाइट पर भी की गयी थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
एयरपोर्ट पर मेदांता अस्पताल के डॉक्टर प्रभंजन शकुन्त ने बताया ‘सांस की नाली बाधित होने से मरीज सांस नहीं ले पाया, और उसका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। जिससे पता चल रहा था कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो गयी थी।’ उन्होंने आगे बताया कि वह व्यक्ति पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से पीड़ित था और उसका आधा शरीर लकवा-ग्रस्त था। इस वजह से यह केस संभालना और ज्यादा मुश्किल हो गया था। यहां लाने के बाद करीब एक घंटे तक कार्डिओ-पल्मनरी पुनर्जीवन की प्रक्रिया की गयी, जोकि इससे पहले फ्लाइट पर भी की गयी थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
मेडिकल इमरजेंसी के चलते फ्लाइट को टर्मिनल-1 पर उतारा
हालांकि ये घटना 30 नवंबर की है। वह व्यक्ति जलंधर का रहने वाला था। उस वक्त विमान पर उसके साथ उसके पत्नि और लड़के समेत 176 यात्री थे।एयरपोर्ट के डीसीपी संजय भाटिया ने बताया ‘मेडिकल इमरजेंसी के चलते फ्लाइट को टर्मिनल-1 पर उतारा गया। जहां एयरपोर्ट के मेदांता अस्पताल ने उसका प्राथमिक उपचार किया, पर फिर भी उसे बचाया नहीं जा सका। हमने मामले कि जांच के लिए पूछताछ शुरू कर दी है।’
हालांकि ये घटना 30 नवंबर की है। वह व्यक्ति जलंधर का रहने वाला था। उस वक्त विमान पर उसके साथ उसके पत्नि और लड़के समेत 176 यात्री थे।एयरपोर्ट के डीसीपी संजय भाटिया ने बताया ‘मेडिकल इमरजेंसी के चलते फ्लाइट को टर्मिनल-1 पर उतारा गया। जहां एयरपोर्ट के मेदांता अस्पताल ने उसका प्राथमिक उपचार किया, पर फिर भी उसे बचाया नहीं जा सका। हमने मामले कि जांच के लिए पूछताछ शुरू कर दी है।’
स्पाइसजेट प्रवक्ता ने भी इस घटना की पुष्टि की
यात्री और उसके परिवारवालों के विमान पर वापस आने के बाद फ्लाइट ने दोबारा अमृतसर के लिए उड़ान भरी। इस घटना की पुष्टि स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने भी की।
यात्री और उसके परिवारवालों के विमान पर वापस आने के बाद फ्लाइट ने दोबारा अमृतसर के लिए उड़ान भरी। इस घटना की पुष्टि स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने भी की।