ऐसे पता पता चला जीवित है मरीज
हरियाणा के पानीपत के रहने वाले 60 वर्षीय मरीज को सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल के डॉक्टरों के मरीज को मृत बता दिया। इसके बाद मरीज के परिजन ऐम्बुलेंस से बुजुर्ग को घर ले जाने लगे। तभी रास्ते में देखा कि मरीज के शरीर से पसीना निकल रहा है और शरीर में कुछ हलचल दिखाई दी। मरीज के एक रिश्तेदार ने इसकी जानकारी डॉक्टरों को दी तो जीवित होने की पुष्टि हुई।
अस्पताल ने खुद का किया बचाव
मरीज को डिस्चार्ज करते समय अस्पताल ने अपना बचाव करते हुए लिखा है कि मरीज की हालत नाजुक है और उन्हें आगे इलाज की जरूरत है। मरीज के परिजन उन्हें डिस्चार्ज कराना चाहते हैं, इसलिए उन्हें लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस के आधार पर डिस्चार्ज किया जा रहा है। मरीज के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मौखिक तौर पर मरीज को मृत होने की जानकारी दी थी। इसके बाद वे लोग अंतिम संस्कार करने के लिए घर ले जा रहे थे।
पहले भी हुई है लापरवाही
इससे पहले भी दिल्ली में इस तरह के मामले सामने आए हैं। दिसंबर 2017 में दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल ने नवजात जुड़वां बच्चे को मृत घोषित कर दिया था। शव को पॉलीथीन में लपेट कर परिजनों को सौंपने के बाद एक नवजात जिंदा पाया गया था। मीडिया में इस घटना के तूल पकड़ने के बाद दिल्ली सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया था।