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Delhi Violence: ICU से बाहर आए गोकलपुरी के ACP अनुज कुमार, सुनाई आपबीती

locationनई दिल्लीPublished: Feb 29, 2020 05:14:37 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

Delhi Violence: गोकलपुरी ( Gokulpuri ) हिंसा को लेकर ACP अनुज कुमार ( Anuj Kumar ) ने सुनाई आपबीती
बताया आखिर 24 फरवरी को क्या हुआ था?

anuj kumar

ACP अनुज कुमार ने बताया आखिर 24 फरवरी को गोकुलपुरी में क्या हुआ था?

नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय दिल्ली में भड़की हिंसा ( Violence ) ने सबको झकझोर दिया है। उत्तर-पूर्वी ( North East ) दिल्ली के दंगा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में एक पुलिसकर्मी और एक IB के अधिकारी शामिल हैं। वहीं, कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। हिंसा में घायल हुए गोकुलपुरी ( Gokulpuri ) के ACP अनुज कुमार ( Anuj kumar ) ICU से बाहर आ गए हैं। होश में आने के बाद उन्होंने 24 फरवरी की आपबीती बताई है। उन्होंने कई ऐसी बातें बताई, जिसके बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
ACP अनुज कुमार ने बताया कि उस दिन भीड़ बेकाबू हो गई थी। उन्हें लगा कि सीनियर कॉन्स्टेबल रतनलाल ( RatanLal ) को पत्थर लगा है, लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें गोली लगी थी। डीसपी अमित शर्मा पर सड़क पर बेहोश पड़े थे और उनके मुंह से खून निकल रहा था। उन्हें उठाया डिवाइडर क्रॉस किया, उनके सिर में हेलमेट घुस गया गया था।
एसीपी ने बताया कि ये 24 तारीख की सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे वह डीसीपी अमित शर्मा और हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल के साथ चांदबाग मजार से 80-100 मीटर आगे तैनात थे। उन्होंने कहा कि पुलिस को निर्देश थे कि इस सड़क को क्लियर रखना है। प्रोटेस्ट को सर्विस रोड़ तक ही सीमित रखना था। लिहाजा, वहां सुरक्षाबलों की दो कंपनियां, ऑफिसर और थाने के स्टाफ मौजूद थे। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे वहां काफी लोग जमा हो गए। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने सर्विस रोड तक रुकने के लिए समझाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि भीड़ ने पुलिस की बातों पर गौर नहीं किया और आगे आने लगी। महिला पुलिसकर्मियों की मदद से पुलिस उन्हें पीछे करने की कोशिश कर रही थी। इसी बीच अफवाह उड़ कि पुलिस ने फायरिंग की है। जिनमें महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी इसकी वह पुष्टि नहीं कर सकते।
अनुज कुमार ने बताया कि देखते ही देखते मामला काफी बिगड़ गया और काफी संख्या में वहां लोग जमा हो गए। एसीपी ने बताया कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में मात्र 15 से 12 मीटर की दूरी रह गई। उन्होंने कहा कि अनायस ही किसी ने शायद पत्थर चलाया हो। वहां, पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। लोगों के हाथों में पत्थर, बेलचे , फावड़े और कुदाले भी दिखीं। जैसे ही पत्थरबाजी स्टार्ट हुई, लोग हावी हो गए। दूरी कम होने के कारण आंसू गैस भी काम नहीं आया। उन्होंन कहा कि मैं अचानक डीसीपी अमित शर्मा को ढूंढने लगा। लेकिन, वो डिवाइडर के पास पड़े हुए थे। उनके मुंह से खून निकल रहा था। भीड़ ज्यादा उग्र हो चुकी थी। हम DCP को लेकर सीधे यमुना विहार की तरफ भागे। अगर सीधे जाते तो हम भी हिंसा के शिकार हो जाते। फिलहाल, दोनों पुलिसकर्मी खतरे से बाहर आ चुके हैं लेकिन अभी उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी नहीं मिली है। वहीं, हिंसाग्रस्त इलाकों में अभी स्थिति नियंत्रण में है और काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

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