एडमिरल ने अपनी युद्ध-लड़ने की क्षमताओं को तेज करने के लिए मरम्मत इकाइयों, रखरखाव, पुजरें संबंधी और ऑप-लॉजिस्टिक्स के महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने साइबर-सुरक्षा, आतंकवादी हमलों के खिलाफ सुरक्षा बल, असममित युद्ध के पहलुओं को भी दोहराया और सभी कर्मियों को उच्चतम स्तर की सतर्कता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
स्वदेशी गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक, चेन्नई को शुरू करने पर उन्हें फ्लीट कमांडर द्वारा एक ऑपरेशनल संबंधी ब्रीफिंग दी गई। इसके बाद एडमिरल सिंह ने जहाज के चालक दल के साथ बातचीत भी की। वे विमानवाहक पोत विक्रमादित्य पर भी सवार हुए, जहां उन्होंने बेड़े की हवाई रक्षा और स्ट्राइक के लिए कैरियर बैटल ग्रुप की क्षमताओं को करीब से देखा।
उन्होंने विक्रमादित्य से कैरियर बैटल ग्रुप के लड़ाकों को संबोधित करते हुए कोविड-19 की साथ ही अन्य चुनौतियों के बावजूद, पिछले महीनों में चरम युद्ध-तत्परता और संचालन के उच्च गति को बनाए रखने के लिए उनकी सराहना की।
मिशन सागर के तहत भारत सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए मित्रवत देशों को सहायता प्रदान कर रही है। इसे लेकर नौसेना प्रमुख ने हिंद महासागर क्षेत्र में हमारे मित्रवत पड़ोसी देशों को चिकित्सा और रसद सहायता प्रदान करने के लिए भी नौसेना की सराहना की। मौजूदा सुरक्षा स्थिति का अवलोकन करते हुए, उन्होंने कहा कि नौसेना आने वाले महीनों में उच्च गति के संचालन को जारी रखेगी।
उन्होंने कैरियर बैटल ग्रुप और उसके लड़ाकों की सटीक और प्रभावी हथियार फाइरिंग के लिए भी सराहना की, जिससे नौसेना के किसी भी आकस्मिकता को पूरा करने की तत्परता पर कोई संदेह नहीं रह गया है। इन सभी चीजों के अलावा एडमिरल सिंह ने कोविड-19 महामारी के संबंध में, नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों की ओर से प्रोटोकॉल का अनुपालन जारी रखने की भी सलाह दी। वह समुद्र में विभिन्न गतिविधियों के पूरा होने पर गोवा लौट आए और नौसेना के विमान यार्ड का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली के लिए प्रस्थान किया।