आज सीबीआई मुख्यालय के बाहर हुआ प्रदर्शन
नजीब की गुमशुदगी के एक साल हो जाने पर आज दिल्ली में सीबीआई दफ्तर के बाहर नजीब की मां फातिमा नफीस और जेएनयू स्टूडेंटस यूनियन की अपील पर स्टूडेंट्स और एक्टिविस्ट ने प्रदर्शन किया। यूनियन ने इस मामले में सीबीआई के सामने कुछ मांगें भी रखी हैं।
पिछले एक साल के अंदर इस पूरे मामले में क्या-क्या घटनाक्रम हुए हैं वो यहां हम आपको बता रहे हैं- – 15 अक्टूबर 2016 को नजीब अचानक जेएनयू कैंपस के मंडावी होस्टल के कमरा नंबर 106 से लापता हो गया था। बताया जाता है कि गुमशुदगी से पहले नजीब का एबीवीपी के छात्रों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था।
– 31 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने नजीब के परिवार को ये विश्वास दिलाया कि वो उसकी तलाश के लिए हर संभव प्रयास करेगी। – 6 नवंबर 2016 को नजीब की गुमशुदगी की खबर पूरे देश में फैल गई और इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में कई जगह छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान नजीब की मां और बहन को पुलिसवालों ने हिरासत में ले लिया।
– 8 नवंबर को नजीब की मां फातिमा नफीज ने केंद्रीय गृहमंत्री
राजनाथ सिंह और पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की। – इसके बाद 16 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने उस ऑटो ड्राइवर का पता लगाने का दावा किया, जिसने नजीब को 15 अक्टूबर के दिन जेएनयू से पिक कर जामिया इलाके में ड्रॉप किया था।
– 20 नवंबर को जेएनयू की एक जांच कमेटी ने एबीवीपी के उस छात्र को ढूंढ निकाला, जिसका नजीब के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। – 28 नवंबर 2016 को इस मामले में दिल्ली पुलिस ने ईनाम की घोषणा कर दी। दिल्ली पुलिस ने नजीब को खोजने वाले को 10 लाख रूपए और उसका पता बताने वाले को 5 लाख रुपए देने का ऐलान किया।
– 19 दिसंबर 2016 को दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि नजीब जेएनयू कैंपस में ही छिपा है। इसके बाद पुलिस के 600 से ज्यादा सिपाहियों ने कैंपस की तलाश करी। – 22 जनवरी 2017 को 20 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया गया, जिसने नजीब के परिजनों से फिरौत की मांग की और कहा कि पैसे देने पर नजीब को छोड़ दिया जाएगा।
– 24 जनवरी 2017 को जेएनयू के द्वारा गठित जांच कमेटी के मुख्य निदेशक एपी डिमरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। – 16 मार्च 2017 को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच में कागजी कार्रवाई और समय के साथ-साथ पब्लिक प्रॉपर्टी की बर्बादी के अलावा, जांच में और कुछ नहीं हो रहा है। नजीब के मामले में सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि हमें नतीजों के लिए कोई और रास्ता चुनना होगा।
– 16 मई 2017 को हाईकोर्ट ने इस मामले को सीबीआई के हैंडओवर कर दिया।