दरअसल, इस पूरा देश कोरोना का प्रकोप झेल रहा है। बिहार भी इस वायरस से अछूता नहीं है, यहां अब तक नौ लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है। जबकि, कई लोगों की अभी जांच जारी है और सैकड़ों लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। लेकिन, इसी बीच चमकी बुखार ने राज्य सरकार की नींद उड़ा दी है। क्योंकि, पिछले साल इस बीमारी ने भारी तबाही मचाई थी और 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी।
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के SKMCH के पीआइसीयू वार्ड संख्या दो में सकरा प्रखंड के मुन्ना राम के तीन साल के बेटे आदित्य कुमार को भर्ती किया गया। बच्चे की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अस्पताल के शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि इस बच्चे में ग्लूकोज लेवल कम होने की बात सामने आई है। इस मौसम में एईएस से पीडि़त यह पहला मरीज है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील शाही ने बताया कि एईएस पीडि़त बच्चे की इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। हालांकि, अभी इसकी संख्या बढ़ने की क्या उम्मीद है इसकी जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि चमकी बुखार एक बार फिर राज्य में तांडव मचाने वाला है। क्योंकि, पिछले साल चमकी बुखार ने बिहार में हड़कंप मचा दिया था।
गौरतलब है कि शुक्रवार को कोरोना संदिग्ध के 304 नए लोग शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संदिग्धों की संख्या 1760 हो गई। गुरुवार तक 1456 लोग सर्विलांस में लिए गए थे। पटना के अगमकुआं स्थित राजेंद्र मेडिकल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (RMRI) के निदेशक डॉक्टर प्रदीप दास के अनुसार शुक्रवार को दो लोगों की अंतिम रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें एक सिवान जिले का युवक है जो हाल ही में दुबई से लौटा था। वहीं, दूसरा संक्रमित युवक नालंदा जिले के नगरनौसा का रहने वाला है। वह उसी पटना के जगनपुरा स्थित सरनाम अस्पताल का कर्मचारी है जिसमें मुंगेर निवासी संक्रमित युवक भर्ती हुआ था।