केरल में करीब 14 लाख लोग राहत शिविर में थे राज्य में 9 अगस्त को जो प्रलयकारी बाढ़ आई थी, उसने करीब 14 लाख लोगों को 3000 राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया। राहत शिविर बनाने के लिए सैकड़ों की संख्या में स्कूली इमारतों का इस्तेमाल किया गया था।
विद्यार्थी स्कूल आए, मगर पढ़ाई नहीं हुई शिक्षामंत्री सी. रवींद्रनाथ का कहना है कि बाढ़ से 650 स्कूलों पर प्रभाव पड़ा था। उनमें से 211 के अलावा बाकी स्कूल खुल गए हैं। शिक्षामंत्री, जो खुद भी शिक्षक रह चुके हैं, ने आगे कहा कि बुधवार को पढ़ाई नहीं हुई, क्योंकि मूसलाधार बरसात और भीषण बाढ़ का कहर झेलने वाले मासूम युवाओं के लिए दोबारा स्कूल आना एक भावनात्मक क्षण था। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते जब वह राहत शिविरों का निरीक्षण करने गए थे, तब अनेक विद्यार्थियों ने प्रश्न किया था कि क्या वे अपने स्कूल जा सकते हैं।
सफाई अभियान की वजह से बंद रहे कई स्कूल बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित स्थानों में से एक इडुक्की के सभी 458 स्कूल खुले, मलप्पुरम और कोझिकोड में भी स्कूलों में विद्यार्थी पहुंचे, जबकि अलप्पुजा जिले के कुट्टानाडु में सफाई अभियान की वजह से कई स्कूल बंद रहे। एक स्कूल को तो नजदीकी चर्च से संचालित किया गया। बाढ़ में सैकड़ों बच्चों की स्कूली यूनिफार्म, किताबें और प्रमाणपत्र बह गए, लेकिन उनकी पढ़ने की लगन जरा भी कम नहीं हुई। बहुत से बच्चे अपने स्कूलों की सफाई करते भी नजर आए।