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पृथ्वी पर नजर रखने वाला हायसिस उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित, अगले माह भारत की सबसे भारी सैटेलाइट होगी लॉन्च

locationनई दिल्लीPublished: Nov 29, 2018 01:41:57 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

पोलर सैटेलाइट लांच व्हिकल (पीएसएलवी) सी 43 से भारतीय हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट HYsIS उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया।

ISRO HYsIS

पृथ्वी पर नजर रखने वाला हायसिस उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित, अगले वर्ष भारत की सबसे भारी सैटेलाइट होगी लॉन्च

हैदराबाद। भारत ने अंतरिक्ष में एक और उड़ान भरी है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने फिर से इतिहास रचा है। इसरो ने पोलर सैटेलाइट लांच व्हिकल (पीएसएलवी) सी 43 से भारतीय हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट एचवाईएसआईएस/हायसिस उपग्रह को प्रक्षेपित किया। जो सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया है। पीएसएलवी-सीए (कोर अलोन) संस्करण ने एक भारतीय व आठ देशों के 30 छोटे उपग्रहों के साथ श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी थी। 44.4 मीटर लंबे और 230 टन वजनी पीएसएलवी-सीए (कोर अलोन) संस्करण ने सुबह 9.58 बजे प्रक्षेपण स्थल से उड़ान भरी। उड़ान के बाद 16 मिनट में रॉकेट के चौथे चरण को बंद कर दिया गया और इसके एक मिनट बाद ही भारतीय उपग्रह हायसिस निर्धारित कक्षा 636 किमी घ्रुवीय सूर्य समन्वय कक्ष (एसएसओ) में स्थापित हो गया।
Video: ISRO ने लॉन्च किया अपना तीसरा लंबा मिशन, 30 सैटेलाइट्स का हुआ प्रक्षेपण

तीसरा लंबा मिशन
इसरो का यह तीसरा लंबा मिशन है। मिशन 113 मिनट में समाप्त होगा। रॉकेट मिशन का उल्लेखनीय पहलू उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करना है जिसमें से एक उपग्रह ऊपरी कक्षा और अन्य निचली कक्षा में स्थापित किए जाने है। भारतीय उपग्रह हायसिस अपनी निर्धारित कक्षा में स्थापित हो चुका है और बाकी अन्य भी जल्द ही एक निचली कक्षा में स्थापित कर दिए जाएंगे।

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रॉकेट को 30 अन्य विदेशी उपग्रहों को स्थापित करने के लिए 503 किलोमीटर की निचली कक्षा में लाया जाएगा। हायसिस के उत्क्षेपण के बाद, उड़ान के 59.65 मिनट बाद रॉकेट के चौथे चरण को फिर से शुरू किया जाएगा। पीएलएलवी रॉकेट अपने साथ 380 किलोग्राम वजनी हायसिस और कुल 261 किलोग्राम के 30 अन्य छोटे उपग्रह ले गया है। विदेशी उपग्रहों में से 23 अमेरिकी उपग्रह हैं और शेष ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के हैं। हायसिस का प्राथमिक लक्ष्य विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के इंफ्रारेड और शॉर्ट वेव इंफ्रारेड फील्ड में पृथ्वी की सतह का अध्ययन करना है। इसके साथ ही इसके रणनीतिक उद्देश्य भी हैं।
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जल्द लॉन्च होगी सबसे भारी सैटेलाइट
भविष्य में इसरो के पास काफी प्रोजेक्ट हैं। जो शीघ्र ही लॉन्च होंगे। हायसिस उपग्रह के प्रक्षेपण के अवसर पर इसरो के अध्यक्ष डॉ. के सीवान ने जानकारी दी कि हमारा अगला मिशन है GSAT-11 लॉन्च करना। यह भारत में बनाई गई है। यह सबसे भारी उपग्रह है। इसका वजह 5,854 किलोग्राम है। इस सैटेलाइट को एरियाने-5 (Ariane-5) लॉन्च व्हीकल से 5 दिसंबर को फ्रांस के फ्रेंच गुयाना के कौहू से छोड़ा जाएगा। उपग्रह देश में ब्रॉडबैंड सेवा को बेहतर बनाने के लिए अहम किरदार अदा करेगा। कौहू से जनवरी 2019 में एक और सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। वहीं GSLV-F11 GSAT-7A भी दिसंबर में प्रक्षेपण होगा। भारत का अहम और बड़ा मिशन चंद्रयान -2 अगले साल जनवरी में लॉन्च होना है। जिसकी तैयारियों चल रही हैं।
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