scriptSC के निर्णय के बाद राम मंदिर बनना तय, अयोध्या में मंदिर के अलावा कुछ और स्वीकार नहीं | After the decision of SC, Ram temple is fixed, except for temple | Patrika News

SC के निर्णय के बाद राम मंदिर बनना तय, अयोध्या में मंदिर के अलावा कुछ और स्वीकार नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Mar 11, 2018 07:39:30 pm

Submitted by:

Mazkoor

भैया जी 2009 से आरएसएस का सरकार्यवाह पद संभाल रहे हैं और अब 2021 तक इस पद पर बने रहेंगे।

bhaiya ji joshi

मुंबई। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के नवनियुक्त सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए राम मंदिर बनने की बात को एक बार फिर से दोहराया है। भैया जी जोशी ने कहा कि भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में ही बनेगा और उसी स्थान पर बनेगा जहां पहले था। इस स्थान पर मंदिर के अलावा ओर कुछ भी नहीं बनाया जा सकता है।

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उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरु होगा

आपको बता दें कि आरएसएस के सरकार्यवाह के तौर पर चौथी बार नियुक्त होने के बाद पहली बार भैया जी जोशी मीडिया से मुखातिब हो रहे थे। इस दौरान मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने संघ के विचार को दोहराते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में ही बनेगा और उसी स्थान पर बनेगा जहां पहले से मौजूद था, जिसे मुगलों ने तोड कर मस्जिद का निर्माण कर दिया था। भैया जी ने आगे बोलते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा। हालांकि उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए किये जा रहे आपसी समझौते के प्रयासों की सराहना किया और कहा कि ऐसा हो जाए तो सबसे अच्छी बात होगी लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि अब किसी भी प्रकार के आपसी समझौते से मंदिर निर्माण की गुंजाइस नजर नहीं आ रही है।

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चौथी बार बने संघ के सरकार्यवाह
आपको बता दूं कि संघ ने भैया जी जोशी को चौथी बार ये जिम्मेदारी दी है। भैया जी 2009 से आरएसएस का सरकार्यवाह पद संभाल रहे हैं और अब 2021 तक इस पद पर बने रहेंगे। वे एचवी शेषाद्रि के बाद दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जो इतने लंबे कार्यकाल के लिए आरएसएस के सरकार्यवाह रहे हैं। शेषाद्रि 1987 से 2000 तक इस पद पर रहे थे। संघ के सरकार्यवाह इसके कार्यकारी प्रमुख होते हैं जो संगठन के रोजाना के कार्यों को देखा करते हैं।

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मूर्ति तोड़ना गलत
सरकार्यवाह भैया जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हालफिलाल देश के विभिन्न भागों में मूर्ति तोड़ने की घटना घटी है जो बेहद ही अफसोस जनक है। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। किसी भी रुप में हिंसा का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने त्रिपुरा में भाजपा की सरकार बनने के बाद लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की घटना की निंदा की और कहा अब सरकार को सुनिश्चित करना है कि आगे इस तरह की कोई घटना न घटे।

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