साल 2016 में नतीजे के बाद गालिब ने इच्छा जताई थी कि वह मेडिकल की पढ़ाई करके उसी क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहता है। उसने कहा था- ‘मैं मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बनना चाहता हूं। मेरे माता-पिता और परिवार का सपना है कि मैं डॉक्टर बनूं। मैं इसे पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगा।’
दसवीं में गालिब के 94.5 फीसदी अंक थे। सभी विषयों में उसे ए-वन ग्रेड मिला था। गालिब ने साइंस, उर्दू, अंग्रेजी, गणित, और सोशल साइंस से परीक्षा दी थी। बता दें कि गालिब के पिता अफजल गुरू भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, जिसे उसने बीच में ही छोड़ दिया था। जब 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले के मामले में अफजल गुरू को गिरफ्तार किया गया था, उस समय गालिब की उम्र केवल दो साल थी। साल 2013 में इस मामले में अफजल गुरू को फांसी दी गई थी।
बता दें, 13 दिसम्बर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा नामक आतंकवादी गुटों के पांच आतंकवादियों ने देश की संसद पर आतंकी हमला कर दिया था। इसमें संसद की सुरक्षा में मौजूद दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और दो सुरक्षा गार्ड शहीद हो गए थे। बाद में सभी आतंकवादियों को सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया गया था। पुलिस के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी अफजल गुरु इस मामले का मास्टर माइंड था, जिसे पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने साल 2002 में और फिर उच्चतम न्यायालय ने 2006 में फांसी की सजा सुनाई थी।
बता दें, 13 दिसम्बर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा नामक आतंकवादी गुटों के पांच आतंकवादियों ने देश की संसद पर आतंकी हमला कर दिया था। इसमें संसद की सुरक्षा में मौजूद दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और दो सुरक्षा गार्ड शहीद हो गए थे। बाद में सभी आतंकवादियों को सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया गया था। पुलिस के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी अफजल गुरु इस मामले का मास्टर माइंड था, जिसे पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने साल 2002 में और फिर उच्चतम न्यायालय ने 2006 में फांसी की सजा सुनाई थी।