लोकप्रिय समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि वह बुधवार को सुबह 10 बजे अपने गांव रालेगण सिद्धी में अनशन पर बैठने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के विरोध में नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए बार-बार वो आंदोलन करते आए हैं। उसी कड़ी में वो एक बार फिर आंदोलन करने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि 2011 और 2012 में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली को अन्ना हजारे ने अपने आंदोलन का केंद्र बनाया था। उस समय उन्होंने तत्कालीन यूपीए टू सरकार के खिलाफ इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने मोर्चा खोला था। जंतर मंतर और रामलीला मैदान से लोकपाल की मांग के समर्थन में नारे बुलंद किए गए थे। उस आंदोलन के कई चेहरे थे जो आज राजनीति में सक्रिय भूमिका अदा कर रहे हैं। लेकिन एक चेहरा ऐसा था जिसके ईर्द गिर्द आंदोलन अपनी चाल से आगे बढ़ रहा था। उस चेहरे का नाम था अन्ना हजारे। एक बार फिर वो अनशन पर बैठने जा रहे हैं। लेकिन अनशन का केंद्र भारत का कोई बड़ा शहर नहीं है बल्कि उनका गांव रालेगण सिद्धी है। इस बार यह अनशन मोदी सरकार के खिलाफ है। उनका आरोप है कि आश्वासनों और वादों के बावजूद वर्तमान केंद्र सरकार ने लोकपाल को अभी तक नियुक्त नहीं किया।