न्यायमूर्ति कैत ने आगे कहा कि प्रथमदृष्ट्या लगता है कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और उन्होंने अपराध में सक्रिय और मुख्य भूमिका निभाई है। धनशोधन मामले की जांच करने वाली जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने चिदंबरम को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
जमानत याचिका का विरोध करते हुए एजेंसी ने कहा कि चिदंबरम ने अपने उच्च पद का इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए किया। ईडी ने अपनी बहस में कहा, “अपराध की प्रकिया चिदंबरम के वित्तमंत्री रहते हुए किए गए कार्य की वजह से शुरू हुई। उनके खिलाफ अपराध की प्रकृति को देखते हुए, जमानत नहीं दी जानी चाहिए।”
चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को पीटर व इंद्राणी मुखर्जी द्वारा मामले में आरोपी बनाया गया था। ये लोग फिलहाल इंद्राणी की बेटी शीना बोरा के हत्या के मामले में मुंबई की एक जेल में बंद हैं। ईडी ने 2017 में इस संबंध में चिदंबरम के खिलाफ धनशोधन का मामला दायर किया था।