दरअसल, आर्म्स डीलर क्रिकेट मिशेल को भारत लाने के लिए जांच एजेंसियों ने एक ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन को यूनिकॉर्न नाम दिया गया था। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया है कि इस अभियान के कोड का नाम ‘यूनिकॉर्न’ था। अभियान को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दिशानिर्देश में चलाया गया। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव कोआर्नडिनेट कर रहे थे। उन्होंने बताया कि एजेंसी के संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम मिशेल को लाने के लिए दुबई गई थी।
इस अपील के बाद यूएई सरकार ने मिशेल को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी थी जिसके खिलाफ उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मिशेल को भारत लाए जाने से पहले यूएई की कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया था। सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई थी।
आपको बता दें कि 3600 करोड़ रुपए की अगस्ता-वेस्टलैंड डील में क्रिश्चियन मिशेल पर मनी लॉन्ड्रिंग, घूस लेने और धोखाधड़ी का आरोप है। उसे 2017 में दुबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद भारत ने यूएई से क्रिश्चियन को प्रत्यर्पित करने की अपील की थी।