मरकज लौटने के बाद से ही दिखने लगा लक्षण स्वास्थ्य विभाग तीन दिन से उसके संक्रमित होने का कारण तलाश रहा था। विभाग के मुताबिक, रेजीडेंट डॉक्टर दो सप्ताह पहले निजामुद्दीन स्थित मरकज में गया था। हालांकि वह धार्मिक आयोजन में शामिल हुआ था या नहीं, इसके बारे में विभाग को जानकारी नहीं है। मरकज से लौटने के बाद कुछ दिन बाद ही उसमें कोरोना के लक्षण दिखने लगे थे। इसके बाद भी वह इसे नजरंदाज करता रहा।
फेयरवेल पार्टी में भी हुए शामिल वह कुछ ही दिन पहले एम्स के एक वरिष्ठ प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति से पहले हुई फेयरवेल पार्टी में भी शामिल हुआ था। इस दौरान वह अपने हौजरानी स्थित आवास से एम्स तक डीटीसी बस से ही आना-जाना करता था। विभाग अब उस डीटीसी में जाने वाले सभी लोगों का पता लगाने में जुटा है। उधर, एम्स प्रबंधन ने रेजिडेंट डॉक्टर के निजामुद्दीन स्थित मरकज जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
गौरतलब है कि शनिवार को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में दो कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया है। इनमें से एक रेजिडेंट डॉक्टर का भाई है। वहीं रेजिडेंट डॉक्टर और उसकी पत्नी को प्राइवेट वार्ड में आइसोलेशन में रखा गया है। यहीं उनका नवजात शिशु भी है।