बोली लगाने वालों का नाम बताने से किया इंकार
नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिंहा के मुताबिक विमानन क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इसमें आगे बढ़ने की प्रबल संभावनाएं मौजूद हैं। सिंहा के मुताबिक एयर इंडिया के विनिवेश से एयर इंडिया समूह के व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी और इसके कर्मचारियों का भी भविष्य बेहतर होगा। सिंहा ने विनिवेश प्रक्रिया में बोली लगाने वालों का नाम बताने से इंकार कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा है कि इसका प्रबंधन देशी निवेशकों के हाथ में ही दिया जाएगा। बता दें कि सरकार ने पिछले ही हफ्ते एयरलाइंस में 49 प्रतिशत तक की विदेशी निवेश की अनुमति दी है।
2007 में अधिग्रहण के बाद से ही घाटे में
7.9 बिलियन डॉलर के कर्ज में डूबी, पांच सहायक और संयुक्त कंपनी और लगभग 27000 कर्मचारियों वाली एयर इंडिया का सफलतापूर्वक विनिवेश प्रधानमंत्री मोदी की छवि को सुधारने वाला कदम साबित हो सकता है जो खुद को आर्थिक सुधार के अगुआ के रूप में खुद को प्रदर्शित करते हैं। एय़र इंडिया का इंडियन एयरलाइंस लिमिटेड के साथ 2007 में अधिग्रहण होने के बाद से ही यह लगातार घाटे में चल रही थी। हालांकि मार्च 2016 में इसने करीब 1 बिलियन रूपयों का परिचालन लाभ दिखाया जो कि तेल की कीमतों में कमी होने की वजह से संभव हो सका था। सरकार के अनुसार इस परिचालन लाभ के बावजूद एयर इंडिया को 38.4 बिलियन रूपयों की शुद्ध हानि हुई थी।