सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपने इकनॉमी क्लास में नॉन वेज भोजन को बंद करने का फैसला लिया है। यह फैसला घरेलू उड़ानों के लिए गया है।
नई दिल्ली। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपने इकनॉमी क्लास में नॉन वेज भोजन को बंद करने का फैसला लिया है। यह फैसला घरेलू उड़ानों के लिए गया है। एयर इंडिया के अधिकारियों ने इसके पीछे लागत कम करने की बात कही है। हालांकि एयर इंडिया ने स्पष्ट किया है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में पहले की तरह नॉन वेज परोसा जाएगा। वहीं एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर सुधाकर रेड्डी ने इस फैसले को पक्षपाती करार दिया है।
10 करोड़ की होगी बचत
एयर इंडिया ने आधिकारिक बयान में कहा कि नॉन वेज बंद होने से कैटरिंग सर्विसेज में सुधार होगा, साथ ही कॉस्ट कटिंग भी हो सकेगी। अनुमान के मुताबिक नॉन वेज बंद करने से एयर इंडिया को सालाना करीब दस करोड़ रुपये की बचत होगी। एयर इंडिया अपनी कैटरिंग सर्विसेज पर सालाना करीब 350-400 करोड़ रुपये खर्च करती है।
बीजेपी पर लग रहा आरोप
वहीं खबर चर्चा में आने के बाद सरकार के विरोधियों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी की दखल की वजह से एयर इंडिया ने नॉन वेज परोसना बंद कर दिया है। जिस पर एयर इंडिया के नॉन ऑफिशियल इंडिपेंडेंट डॉयरेक्टर सैय्यद जफर ने कहा कि इस फैसले में किसी भी तरह का राजनीतिक दखल नहीं है। फैसला एयर इंडिया की लागत को कम करने के लिए लिया गया है।