‘राज्यों से क्यों नहीं की गई चर्चा?’ महाराष्ट्र सरकार इस बात पर नाराजगी भी जताई है कि विमान सेवाओं को शुरू करने का फैसला लेने से पहले राज्यों से चर्चा क्यों नहीं की गई। उन्होंने केंद्र के इस फैसले को मनमाना करार दिया। उधर, वीरवार को एयरलाइन कंपनियों ने अगले हफ्ते के लिए टिकट बुक किए हुए हैं। बुधवार को सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट करके कहा था 25 मई से घरेलू उड़ानों को मंजूरी दे दी गई है।
एयरलाइन कंपनियों को बदलना होगा शेड्यूल एक एयरलाइन अधिकारी का कहना है कि- अगर केंद्र और राज्य सरकार में गतिरोध अगले 24 घंटे बना रहा, तो एयरलाइन कंपनियों को अपने शेड्यूल को फिर से जारी करना होगा। क्योंकि मुंबई एयरपोर्ट से बड़ी संख्या में उड़ानें हैं।
ज्यादातर फ्लाइट्स का रूट मुंबई से होकर है एयर ट्रैफिक कंट्रोल अफसर के अनुसार मुंबई एयरपोर्ट से 25 मई से 100-100 उड़ाने आनी और जानी हैं। ऐसे में अगर घरेलू उड़ानों पर रोक जारी रहती है, तो एयरलाइन कंपनियों को देश में सभी फ्लाइट्स का समय और रूट बदलना होगा, क्योंकि ज्यादातर उड़ानें मुंबई रूट से होकर ही जाएंगी। इसका मतलब टिकट कैंसलेशन और पैसे रिफंड करने का एक और चरण चलेगा।
एयरपोर्ट ने सरकार को नहीं दी कोई जानकारी महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को यह जानकारी भी दी है कि मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने अभी तक इस बात की भी जानकारी नहीं दी है कि एयरपोर्ट पर फिर से काम शुरू करने के लिए कितने कर्मचारी उपलब्ध हैं, उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी लेने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। यहां तक कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए हैं, इसके बारे में भी अवगत नहीं कराया है।
हर दिन 27 हजार से ज्यादा यात्री करेंगे सफर अगर घरेलू उड़ानें शुरू होती हैं, तो महाराष्ट्र में एक दिन में 27 हजार से ज्यादा यात्री विमान सेवाओं का लाभ उठाएंगे। कोरोना संकट के दौर में रेड जोन क्षेत्र होने के कारण एयरपोर्ट और एयरलादन में ज्यादा स्टाफ की जरूरत होगी। कर्मचारी ऐसे में कैसे काम पर पहुंचेंगे? यह एक बड़ा सवाल है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान यात्री एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे?