दुबई से भारत लाने के लिए मिशेल के प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन का नाम यूनिकॉर्न रखा गया था, इसकी बागडोर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने स्वयं ही अपने हाथ में ले रखी थी। इस ऑपरेशन को इंटरपोल और सीआईडी ने मिलकर कायमयाबी तक पहुंचाया। मिशन को सफल बनाने के लिए डोभाल सीबीआई के प्रभारी निदेशक नागेश्वर राव के संपर्क में थे। इतना ही नहीं वो डिप्लोमैटिक तरीके से दुबई और यूएई सरकार के संपर्क में भी थे। बताया जा रहा कि डोभाल ने इसके लिए गिव एंट टेक की रणनीति तैयार की। उस रणनीति का परिणाम है कि मिशेल आज भारत में है और सीबीआई के अधिकारी उससे पूछाताछ कर रहे हैं। मिशेल के भारत आने से वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड सौदे से पर्दा उठने की संभावना पहले से ज्यादा बढ़ गई है।
जानकारी के मुताबिक सीबीआई के संयुक्त सचिव खुद क्रिश्चियन मिशेल को लेने दुबई गए थे। पालम एयरपोर्ट पर उतरते ही सीबीआई ने मिशेल को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई को आशंका है कि ब्रिटिश नागरिक होने के चलते मिशेल काउंसलर एक्सेस की भी प्रयास करेगा। सीबीआई मिशेल को न्यायालय में पेश करेगी, जहां वह आरोपी को और पूछताछ के लिए हिरासत में लेने का प्रयास करेगी। फिलहाल सीबीआई ने मिशेल को सख्त सुरक्षा पहरे में रखा है। उस पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सीबीआई का प्रयास होगा कि वो मिशेल से अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जरूरी जानकारी मुहैया कराए।