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सावधान! अगर गले में है दर्द या सांस लेने में परेशानी, चार दिन में 12 लोग गवां चुके जान

locationनई दिल्लीPublished: Sep 21, 2018 02:33:53 pm

सावधान! अगर गले में है दर्द या सांस लेने में परेशानी, चार दिन में 12 लोग गवां चुके जान

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सावधान! अगर गले में है दर्द या सांस लेने में परेशानी, चार दिन में 12 लोग गवां चुके जान

नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले 4 दिनों में डिप्थीरिया बीमारी से 12 बच्चों की मौत हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि वे ऐसे बच्चे थे, जिन्हें एंटी डिप्थीरिया वैक्सीन नहीं दी गई थी। यानी छोटी सी असावधानी ने या फिर लापरवाही ने 12 जिंदगियां छीन लीं। डॉक्टरों की मानें तो राजधानी में अब तक सैकड़ों डिप्थीरिया के मरीज भर्ती हो चुके हैं। जबिक मरने वाले सभी मरीजों ने प्रतिरोधक टीका नहीं लगवाया था। यानी अगर समय रहते इन बच्चों को टीका लगवा दिया गया होता इन जिदंगियों को बचाया जा सकता था। अब भी मौका है थोड़ी सी सावधानी रखकर इस वायरस से बचा जा सकता है।
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ऐसे होता है डिप्थीरिया
डिप्थीरिया एक तरह की बीमारी है जो इंफेक्शन से फैलती है। इसे आम बोलचाल में गलघोंटू भी कहा जाता है। यह कॉरीनेबैक्टेरियम बैक्टीरिया के इंफेक्शन से पनपता है। खास बात यह है कि इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर बच्चे ही आते हैं। लेकिन कुछ केसों में बीमारी बड़ों में भी हो सकती है।
गले को जकड़ता है बैक्टिरिया
बैक्टीरिया सबसे पहले गले को गिरफ्त में लेता है। धीरे-धीरे इंफेक्शन सांस नली तक फैलने लगता है। इसकी वजह से एक झिल्ली बन जाती है, जिसके चलते मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। एक हालात के बाद इससे जहर निकलने लगता है जो खून के जरिए ब्रेन और हार्ट तक पहुंच जाता है और उसे डैमेज करने लगता है। इस स्थिति में पहुंचने के बाद मरीज की मौत का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं यह एक संक्रमित बीमारी और बड़ी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है।
इन बातों का रखें खास ध्यान
इस संक्रमण से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो तुरंत अलर्ट हो जाएं। इसके अलावा गर्दन में सूजन, जरूरत से ज्यादा ठंड लगना,बुखार, खराश और खांसी की लगातार तकलीफ इसके बड़े लक्षणों में से एक है। इंफेक्शन मरीज के मुंह, नाक और गले में रहता है और धीरे-धीरे फैलता जाता है।
आंकड़ों पर नजर
– 250 मरीज इस साल अस्पताल में हुए भर्ती
– 15 से 20 फीसदी भर्ती होने वाले मरीजों की हो जाती है मौत
– सितंबर महीने में ही पनपता है वायरस
– अक्टूबर महीने के बाद आने लगती है कमी
वैक्सीनेशन से बचा सकते हैं जान
ऐसा नहीं है कि इस बीमारी से बचा नहीं जा सकता। दिल्ली में अब तक जितनी भी मौत हुई हैं उसमें सभी केस बच्चों के हैं। इसका बड़ा कारण है कि उन्हें डिप्थीरिया का एंटी वैक्सीनेशन नहीं लगाया गया है। बचपन में ये वैक्सीनेशन लगाया जाए तो बच्चों को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सकता है। 12 वर्ष की उम्र के बाद एक बार फिर से ये टीका लगवाया जाए तो और भी बेहतर है।
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