NEP2020: छठी कक्षा में कोडिंग, संस्कृत पर जोर, Board Exam समेत स्कूली शिक्षा में बदलाव की पूरी जानकारी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ( Modi Cabinet ) ने दी नई शिक्षा नीति 2020 ( National Education Policy 2020 ) को मंजूरी।
- स्कूलों ( school education ) में छठी कक्षा से कोडिंग, बोर्ड परीक्षा ( Board exam ) में बदलाव पर ध्यान।
- संस्कृत ( Sanskrit education ) पर जोर और 5+3+3+4 एजुकेशन सिस्टम ( indian education system ) होगा फॉलो।

नई दिल्ली। देश के शैक्षिक ढांचे में दशकों बाद कई अहम बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय कैबिनेट ( Modi Cabinet ) ने बुधवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( National Education Policy 2020 ) को मंजूरी दे दी है। शिक्षा नीति में 34 वर्षों बाद किए गए कई बदलाव के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन से लेकर सेकेंडरी एजुकेशन तक स्कूली शिक्षा ( school education ) में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जाएंगे। भारतीय स्कूली शिक्षा ( indian education system) के तहत होने वाले इन बदलावों में ऑनलाइन शिक्षा, क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई और संस्कृत पर जोर दिया गया है। जानिए क्या हैं इस नई शिक्षा नीति की प्रमुख बातें:
#NEP2020
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020
We have ensured that under equitable and inclusive education:
👉Emphasis to be given on Socially & Economically Disadvantaged Groups
👉School complexes to be supported for providing facilities to children with disabilities, ensuring their full participation in classrooms pic.twitter.com/0iXMCCOfmg
बोर्ड परीक्षा ( Board exam ) पैटर्न में बदलाव: बोर्ड परीक्षाओं में भारी बदलाव किया जाएगा। सीबीएसई में गणित की तरह सभी पाठ्यक्रमों को दो भाषाओं में पेश किया जाएगा। सभी राज्यों की बोर्ड परीक्षा का मकसद ज्ञान के प्रयोग का परीक्षण करना होगा ना कि रटना सीखने की जांच। हर विषय की वैकल्पिक और विस्तृत परीक्षा होगी।
कक्षा 6 से कोडिंग, स्ट्रीम्स में कोई विभाजन नहीं: गणितीय सोच और वैज्ञानिक स्वभाव पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। खेल, व्यावसायिक, कला, वाणिज्य, विज्ञान जैसे सह-पाठ्यक्रम विषय समान स्तर पर होंगे। छात्र अपनी पसंद के मुताबिक पाठ्यक्रम चुन सकेंगे। कक्षा 6 से छात्रों को कोडिंग की अनुमति दी जाएगी।
शिक्षा की नई प्रणाली: मौजूदा 10+2 प्रणाली को 5+3+3+4 में विभाजित किया जाएगा। शिक्षा नीति ( National Education Policy ) स्कूली शिक्षा प्रणाली को 5+3+3+4 प्रारूप में बदल देगी। इसका मतलब है कि प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित स्कूल के पहले पांच साल फाउंडेशन स्टेज में शामिल होंगे।
अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 तक प्रेपरटरी स्टेज में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद तीन साल यानी कक्षा 6 से 8 तक मिडिल स्टेज और फिर चार साल यानी कक्षा नौ से 12 सेकेंडरी स्टेज होंगे। स्कूलों में कला, वाणिज्य व विज्ञान की पढ़ाई जैसी कठिन स्ट्रीम्स का गठन नहीं किया जाएगा, छात्र अपने मन के मुताबिक पाठ्यक्रम चुन सकेंगे।
क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे ई-पाठ्यक्रम: शिक्षा योजना, शिक्षण, सीखना, मूल्यांकन, शिक्षक, स्कूल और छात्र प्रशिक्षण का हिस्सा तकनीकी होगी। क्षेत्रीय भाषाओं में ई-सामग्री उपलब्ध होगी। हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध ई-पाठ्यक्रमों में कन्नड़, ओडिया, बंगाली के साथ आठ भाषाएं होंगी।
Respecting the spirit ‘Ek Bharat Shreshtha Bharat’, the NEP 2020 includes systems to promote Indian languages, including Sanskrit. Many foreign languages will also be offered at the secondary level.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2020
Indian Sign Language (ISL) will be standardised across the country.
शिक्षा को जीडीपी का 6 फीसदी हिस्सा: जल्द ही शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश जीडीपी का 6 फीसदी तक पहुंचाया जाएगा। फिलहाल यह राज्य और केंद्र सरकार समेत लगभग 4.43 फीसदी है।
फीस को निर्धारित किया जाएगा: न केवल पाठ्यक्रम बल्कि विश्वविद्यालयों को बहु-विषयक किया जाएगा। सार्वजनिक और निजी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सामान्य मानदंड होंगे। इसका मतलब यह है कि नियामक ढांचे के भीतर शुल्क तय किया जाएगा और अधिकतम निर्धारित शुल्क से ज्यादा फीस नहीं ली जा सकेगी।
संस्कृत ( Sanskrit education ) को मुख्य धारा में लानाः संस्कृत को स्कूल में मजबूती के साथ मुख्यधारा में लाया जाएगा। तीन-भाषा सूत्र में भाषा के विकल्पों में से यह एक होगी और उच्च शिक्षा भी शामिल होगी। संस्कृत विश्वविद्यालय भी उच्च शिक्षा के बड़े बहु-विषयक संस्थान बनने की ओर अग्रसर होंगे।
सभी कॉलेजों के लिए एक प्रवेश परीक्षा: सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए आम प्रवेश परीक्षा एनटीए द्वारा आयोजित की जाएगी। परीक्षा वैकल्पिक होगी और अनिवार्य नहीं।
शिक्षक, साथियों द्वारा मूल्यांकन के लिए रिपोर्ट कार्ड: हर साल जीवन कौशल सिखाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा शिक्षकों, साथियों और छात्रों द्वारा भी की जाएगी। प्रदर्शन के मूल्यांकन की समीक्षा होगी। छात्रों की पढ़ाई के प्रत्येक वर्ष का एआई-आधारित (आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस ) मूल्यांकन होगा।
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