अमरजीत अपने परिवार के साथ बेगुसराय में स्थित मुसहरी नामक गांव में रहता है। अमरजीत के पिता मजदूरी का काम करते हैं। हैरान करने वाली बात ये थी कि अमरजीत केवल सिर्फ छोटे बच्चों को ही मारता था। यहां तक कि अमरजीत अपनी बहन क ो भी मौत के घाट उतार डाला।
अमरजीत के माता पिता को जब उसके इस कारनामें के बारे में पता लगा तो उन्होंने अपने बेटे के कर्माे पर पर्दा डालते हुए किसी से कुछ नहीं कहा। पुलिस को अमरजीत के बारे में तब पता चला जब वो तीसरी बार किसी का खून किया।
बिहार के बगूसराय का मुसहरी गांव साल 2007 में एक के बाद एक दो मासूम बच्चों की हत्याओं से दहल उठा लेकिन किसी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि ऐसा कौन कर रहा है और इसके पीछे क्या वजह हो सकती है? इसी बीच एक जवान शख्स का खून हो जाता है और मामला पुलिस तक पहुंचती है। छानबीन करने के बाद ये मिनी सीरियल किलर पुलिस के हाथ लगता है।
अमरजीत से जब इस बारे में पूछा गया तो उसका कहना था कि बच्चों को बर्बर तरीकें से मारने में उसे मज़ा आता है। उसके इस बयान के बाद उसकी मानसिक स्थिति का पता लगाया गया तो मालूम पड़ा कि वो कंडक्ट डिसऑर्डर नामक बीमारी से ग्रस्त है।
मनोविशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बच्चों को दूसरे को चोट पहुंचाकर खुशी का अनुभव होता है। महज़ आठ साल के होने के कारण अमरजीत को अपने गुनाहों की कोई सज़ा नहीं मिली और उसे हिरासत मे ंलेने के बाद ईलाज के लिए इसे मनोरोगी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। हालंाकि अब वो बाहर है और एक नए नाम के साथ नई जिंदगी जी रहा है।