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अमरनाथ यात्राः दिल में दहशत, जुबां पर सलामती की दुआ

Published: Jul 11, 2016 09:30:00 am

अमरनाथ यात्रा पर गए भोले के भक्तों की आपबीती पर बालटाल से Patrika.com की ग्राउंड रिपोर्ट

amarnath yatra

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अमरनाथ धाम। यहीं मां पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से अमरता का रहस्य जाना था। फिलहाल तो यहां यात्रियों के लिए रास्ता रहस्य बना है। श्रद्धा के सैलाब और दिल से उठती दुआओं के बीच सबको सकुशल घर पहुंचने की फिक्र लगी है। ऐसे दहशत के माहौल में राजेश वालिया की लाइव रिपोर्ट….

यहां गोलियां नहीं हैं, पर उनसे उपजी अफवाहें हैं। श्रीनगर में कर्फ्यू कब तक चलेगा? घाटी में हिंसा कब थमेगी? बाबा बर्फानी रास्ता कब खुलाएंगे? सेना के साए में वे खुद महफूज तो महसूस करते हैं पर आतंक के आका किस गली और किस चौराहे पर दस्तक दे दें, यह कोई नहीं जानता। राजस्थान सहित हजारों तीर्थयात्री बालटाल और अन्य स्थानों पर फंसे हुए हैं।
मैं भी यहां बालटाल में हूं। यूं तो शिव कण-कण में विराजमान हैं। शीतलता के स्वरूप हिमलिंग में श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं। साक्षात शिवलिंग के दर्शन कर यात्री घर पहुंचने की कामना कर ही रहे थे कि श्रीनगर में फ्र्यू के बाद माहौल खराब होने की खबरें आने लगीं।

जो भक्त धीरे-धीरे आगे बढ़ते जा रहे थे और उनके चेहरों पर भगवान शिव को पाने का उत्साह था, अब उनके चेहरों पर तनाव साफ नजर आने लगा है। यात्री एक-दूसरे से पूछ रहे हैं। सूचना आ रही है कि राहगीरों की गाडिय़ों पर पथराव किया जा रहा है। अपने कैंप तक पहुंचते-पहुंचते तस्वीर साफ हो गई कि माजरा क्या है। छह-सात लोगों के एक समूह, जिसमें दो बुजुर्ग भी शामिल थे, बहुत घबराए हुए थे।

भारत मां की जय, कश्मीर पुलिस मुर्दाबाद के नारे
दोपहर ढाई बजे जब मैं कैंप डॉयरेक्टर से बात करने पहुंचा तो वहां गुजराती समुदाय व बालटाल के स्थानीय लोग नारेबाजी कर रहे थे। बालटाल के कैंप डायरेक्टर के मुताबिक रविवार को यहां करीब 25 हजार यात्री फंसे हुए हैं। वह भारत माता की जय, इंडियन आर्मी जिंदाबाद-जिंदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस मुर्दाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।

 बालटाल के कैंप कमिश्नर ने बताया कि अभी श्राइन बोर्ड, पुलिस व सेना की मीटिंग के बाद जल्द ही रास्ता खोलने पर निर्णय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बस व टैक्सियों की पर्याप्त व्यवस्था है। जब भी रास्ता खोला जाएगा, सेना की सुरक्षा में यात्रियों को रवाना किया जाएगा।

पाक में चांद दिखा, भारत में ईद मनाई
अमरनाथ यात्रियों की सेवा में लगे एक समुदाय के स्थानीय लोग यूं तो बहुत सेवाभावी होते हैं लेकिन इनकी कट्टरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान में अगर भारत से एक दिन पहले चांद दिखाई दिया तो इन्होंने ईद पाकिस्तान के साथ ही मनाई। यही नहीं, अभी जो आतंकवादी एनकाउंटर में मारा गया, उसे ये आतंकवादी न बताकर लड़का बता रहे हैं, जिसने सेना की नाक में दम कर रखा था।

परिवार की चिंता, जेब पर बोझ

सोनीपत जिले से आए इस परिवार के बुजुर्ग ने कहा- पता नहीं क्या होगा? मेरा तो पूरा परिवार यहीं पर है। पंजाब के दंपती प्रताप सिंह व सुशीला बोले बालटाल से श्रीनगर का रास्ता खुलने पर हमें जल्दी निकलने का मौका मिलेगा। शायद इस दलील के साथ सैकड़ों यात्रियों ने बालटाल के लिए उतरना शुरू कर दिया। सुबह हमने बालटाल के लिए उतरना शुरू किया। सुबह 10 बजे यहां पहुंचे तो बालटाल के बेसकैंप के सभी टेंट भर चुके थे। टेंट वाले प्रति सदस्य से 600 रुपए से 1,200 रुपए वसूल रहे थे, जबकि आमतौर पर यह किराया 100 से 400 रुपए के बीच होता है।

साढ़े 12 बजे नाश्ता करने की चाह में अपने टेंट से बाहर निकले तो मेरे वहीं एक महिला मोबाइल पर अपने परिवार से बात कर रही थी कि बेटा, हम यहां ठीक हैं। यहां ज्यादा बात नहीं कर सकते, माहौल खराब है। 11 और 12 तारीख का रिजर्वेशन करवा रखा है। अगर कैंसल करवाएंगे तो आधा किराया भी वापस नहीं मिलेगा। सबसे बड़ी दिक्कत है कि अब अगर रिजर्वेशन कराने जाएंगे तो सीट उपलब्ध नहीं होगी। प्रकाश भानूशाली, केतन, जगदीश जोशी मुंबई से आए हैं। इन्होंने सोनामर्ग में होटल भी बुक किया हुआ है। यहांं दो दिन से बालटाल में कैंप का किराया भी दे रहे हैं। अब इन लोगों ने मन बनाया कि अगर रास्ता नहीं खुला तो लेह, मनाली से होते हुए दिल्ली से मुंबई जाएंगे।

अमरनाथ यात्रा: रात 10.15 खुला रास्ता, 12 बजे 1100 राजस्थानी रवाना
अमरनाथ यात्रियों के लिए वापसी का रास्ता रविवार रात 10:15 पर खोला गया। घाटी में अशांति के चलते 25 हजार तीर्थयात्री 3 दिन से फंसे थे। रात 12 बजे तक 1100 राजस्थानियों को सेना की सुरक्षा में रवाना किया गया। रास्ता खुलते ही स्थानीय बस व टैक्सी चालकों ने मनमानी वसूली शुरू कर दी। एक यात्री ने राजस्थान पत्रिका को फोन कर बताया कि बालटाल से श्रीनगर के लिए निजी बस संचालक 1300 रुपए ले रहे हैं। इसी तरह बालटाल से जम्मू का किराया 500 रुपए है, लेकिन 3 हजार वसूले जा रहे हैं।

हेल्पलाइन नम्बर
राजस्थान आपदा प्रबंधन विभाग अमरनाथ यात्रा में फंसे राज्य के नागरिकों के सम्पर्क में है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, 0141-5110869, 2227296 और फैक्स 0141-5110865 पर संपर्क करें।

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