वैसे तो अमरनाथ की पवित्र गुफा में हर बार हिमलिंग मोटे आकार के बनते हैं, लेकिन इस बार ये पतले आकार में है और ये करीब 12 फीट का है। खास बात ये है कि इस बार उनके सिर पर सर्प की आकृति भी नजर आ रही है। जिसका फन बना हुआ है। जानकार इसे बेहद शुभ मान रहे है, क्योंकि ऐसा दुर्लभ नजारा कई वर्षों बाद देखने को मिला है। अमरनाथ गुफा को लेकर प्राचीन ग्रंथों में पहले से ही कई किवदंतियां एवं रहस्यमयी बातों का जिक्र है। कहा जाता है कि गुफा में गिरने वाली बर्फ, बाहर जमा होने वाली बर्फ से बिल्कुल अलग है। जहां शिव आकृति का निर्माण होता है वहां ठोस बर्फ गिरती है। जबकि बाहर भुरभुरी बर्फ। ऐसा किस कारण है इसका पता आज तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए हैं।
भगवान भोलेनाथ की पवित्र अमरनाथ यात्रा हर साल की तरह इस बार भी जून महीने में शुरू होने वाली थी। यह यात्रा एक महीने की होती है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे घटाकर 15 दिनों का कर दिया गया था। इसके तहत यात्रा 21 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त तक चलने वाली थी। चूंकि यात्रा को लेकर शुरू से ही कश्मकश की स्थिति थी इसलिए पंजीकरण भी नहीं किया गया था। ऐसे में कई श्रद्धालू लखनपुर तक पहुंच गए। मगर यात्रा के रद्द होने की वजह से उन्हें अब वापस लौटाया जा रहा है। बाबा बर्फानी के इतने करीब होकर भी दर्शन न कर पाने से भक्त काफी मायूस है। भक्त घर बैठे बाबा के दर्शन कर सकें इसके लिए श्राइन बोर्ड ने ऑनलाइन का विकल्प दिया है।