उन्होंंने अपने ब्लॉग में लिखा कि दिल्ली के प्रदूषण ने मेरी स्वास्थ्य को खराब कर दिया है। इसका पता मुझे तब लगा जब मैं बेंगलुरू पहुंची। यहां आते ही मैं बीमार हो गई। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने प्रदूषण को लेकर लिखा कि प्रदूषण से धरती तबाह हो रही है। मैं भारत से प्यार करती हूं, लेकिन प्रदूषण से बीमार हो गई हूं। हमें इससे निपटना ही होगा।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि इसी तरह कई देशों के एंबेसडर भी दिल्ली छोड़ने का प्लान कर रहे हैं। हालांकि, कई देशों के दूतावासों में हवा साफ करने वाला प्यूरिफायर एयर लगा दिया है। इसके बाद भी वे इससे संतुष्ट नहीं हैं। एक नीजी वेबसाइट के मुताबिक फ्रांसीसी राजनयिक ने कहा कि आप कमरे के अंदर सिर्फ नहीं बैठ सकते हैं। और कूटनीति का संचालन नहीं कर सकते हैं। आपको काम करना है तो बाहर जाना ही पड़ेगा और लोगों से मिलना ही होगा। वहीं एक पूर्वी यूरोपीय राजनयिक ने कहा कि यह एक कठिन पोस्टिंग होगी। पूरी दुनिया में हवा की गुणवत्ता के साथ—साथ जीवन की गुणवत्ता भी कम हो रही है।
इस बीच थाईलैंड के राजनयिक चुटीटरोन गोंगसकदी ने तो पिछले हफ्ते बैंककॉक में खत लिखकर यह तक कह दिया कि उन्हें दिल्ली में रहने के लिए हार्डशिप अलाउंस दिया जाए। क्योंकि, दिल्ली के प्रदूषण से उनकी सेहत खराब हो रही है। वैसे हार्डशिप अलाउंस केवल अफगानिस्तान, इराक और सीरिया जैसे मुश्किल स्थिति में काम करने वाले देशों में पोस्टेड होने वाले राजनयिक को दिया जाता है।