scriptCAA विरोध के चलते अमित शाह की शिलांग यात्रा रद्द, असम में रेल सेवा बाधित | Amit Shah's Shillong program cancelled, Rail Service in Assam affected in CAA protest | Patrika News

CAA विरोध के चलते अमित शाह की शिलांग यात्रा रद्द, असम में रेल सेवा बाधित

locationनई दिल्लीPublished: Dec 14, 2019 10:45:09 am

कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कार्यक्रम रद्द।
कई ट्रेनें प्रभावित, कई रद्द की गईं।
कई जगहों पर प्रदर्शन ने लिया हिंसक रूप।

 

अमित शाह करेंगे अयोग्य विधायकों की मदद

अमित शाह करेंगे अयोग्य विधायकों की मदद

शिलांग/अगरतला/गुवाहाटी। पूर्वोत्तर पुलिस अकादमी (एनईपीए) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 15 दिसंबर को शिलांग जाने के लिए तैयार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की यात्रा को ‘क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति’ को देखते हुए रद्द कर दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। नए नागरिकता कानून को लेकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
एनईपीए के शीर्ष अधिकारी ने बताया, “केंद्रीय गृहमंत्री एनईपीए के प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों के पासिंग आउट परेड कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां आने वाले थे। लेकिन पूर्वोत्तर क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, खासकर असम की परिस्थिति को देखते हुए उनके दौरे को रद्द कर दिया गया है।”
अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों के आखिरी बैच के पासिंग आउट परेड को भी रद्द कर दिया गया है। अधिकारी ने कहा, “हम केंद्रीय गृह मंत्रालय से मशवरे के बाद नया शेड्यूल तय करेंगे।”
गृह मंत्रालय के तहत जुलाई 1978 में एनईपीए की स्थापना उतरी मेघालय के री-भोई जिले में की गई थी। इसके तहत पूर्वोत्तर राज्यों के पुलिस अधिकारियों व विभिन्न श्रेणियों के पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
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ट्रेनें प्रभावित

हिंसक आंदोलन के मद्देनजर बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों के अलावा पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल का परिचालन करने वाली नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने शुक्रवार को राजधानी सहित 43 रेल गाड़ियों के परिचालन को या तो रद्द कर दिया है, या री-शेड्यूल कर दिया है।
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभनन चंदा द्वारा जारी बयान के अनुसार, हावड़ा-कामरूप एक्सप्रेस, कन्याकुमारी बिबेक एक्सप्रेस, गुवाहाटी जनशताब्दी एक्सप्रेस, कंचनजंगा एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
बयान में बताया गया है, “राजधानी एक्सप्रेस जो 12 दिसंबर को नई दिल्ली के लिए रवाना होने वाली थी, उसे गुवाहाटी और डिब्रुगढ़ के बीच रद्द कर दिया गया है। असम में 14, 15, 16 दिसंबर को भी कुछ ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है।”
बृहस्पतिवार को गृहमंत्री ने की चर्चा

इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में गुरुवार को त्रिपुरा के आदिवासी बाहुल्य तीन पार्टियों के शीर्ष नेताओं से अलग-अलग बात की। इन पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी के कनिष्ठ सहयोगी इंडीजीनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी), कई आदिवासी समूहों के मंच, नागरिकता (संशोधन) विधेयक विरोधी संयुक्त आंदोलन (जेएमएसीएबी) और त्रिपुरा पीपल्स फ्रंट (टीएसपी) शामिल थे।
सीएबी मुद्दे को लेकर कुछ महीने पहले पार्टी छोड़ चुके त्रिपुरा राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और शाही परिवार के प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन ने भी टीएसपी सुप्रीमो पटल कान्या जमातिया के साथ शाह से मुलाकात की।
तीनों संगठनों के सभी नेताओं की एक ही मांग थी कि इस नए कानून के दायरे से त्रिपुरा को बाहर रखा जाए। आईपीएफटी के सहायक महासचिव और पार्टी प्रवक्ता मंगल देब बर्मन ने दिल्ली से आईएएनएस को फोन पर बताया कि उन्होंने त्रिपुरा के 40 लाख आबादी के एक तिहाई हिस्सा वाले, स्थानीय आदिवासियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की सुरक्षा और सुधार के लिए त्रिपुरा ट्राइबल एरियास ऑटोनोमस डिस्ट्रीक्ट कांउसिल (टीटीएएडीसी) को और अधिक स्वायत्तता देने की भी मांग की है।
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