कम से कम यहां इलाज तो हो रहा है
हादसे में घायल और पेशे से पेंटर का काम करने वाले कृष्णा छुट्टी मिलने के बावजूद घर नहीं लौटना चाहते। वे कहते हैं कि मेरी उम्र काफी हो गई है। मुझे नहीं लगता कि अब मैं दोबारा ठीक तरीके से काम कर पाऊंगा। इसलिए घर जाने से बेहतर है कि मैं कुछ और दिन अस्पताल में ही रहूं कम से कम यहां लोग मेरी देखभाल तो कर रहे हैं। दवा व इलाज तो हो रहा है। घर जाकर ये भी नहीं हो पाएगा।
हादसे में घायल और पेशे से पेंटर का काम करने वाले कृष्णा छुट्टी मिलने के बावजूद घर नहीं लौटना चाहते। वे कहते हैं कि मेरी उम्र काफी हो गई है। मुझे नहीं लगता कि अब मैं दोबारा ठीक तरीके से काम कर पाऊंगा। इसलिए घर जाने से बेहतर है कि मैं कुछ और दिन अस्पताल में ही रहूं कम से कम यहां लोग मेरी देखभाल तो कर रहे हैं। दवा व इलाज तो हो रहा है। घर जाकर ये भी नहीं हो पाएगा।
इलाज के लिए पैसा कहां से आएगा
इसी तरह जग्गु नंदन की जिंदगी हादसे के बाद से ठहर सी गई है। उस शाम जग्गू अपने परिवार के साथ दशहरा मनाने अमृतसर के उसी मैदान पर मौजूद थे जहां भीषण रेल हादसा हुआ। जग्गू उस रेल हादसे में घायल हो गए थे और उन्हें इलाज के लिए गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया। इलाज के बाद डॉक्टरों ने जग्गू को तीन महीने घर पर ही आराम करने की सलाह दी है। मजदूरी कर परिवार चलाने वाले जग्गू के सामने अब सबसे बड़ी समस्या ये है कि उनकी मां, पत्नी और तीन बच्चों के लिए आने वाले तीन महीनों तक पैसा कौन कमाएगा। इलाज के लिए पैसा कहां से आएगा? राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा कर दी, लेकिन घायलों के लिए कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। जग्गू का कहना है कि इतना ज़रूर है कि पंजाब सरकार ने घायलों का इलाज सरकारी खर्चे से उठाने की बात कही है। यही वजह है कि जग्गू समेत बहुत से घायल लोग अस्पताल से छुट्टी नहीं चाहते।
इसी तरह जग्गु नंदन की जिंदगी हादसे के बाद से ठहर सी गई है। उस शाम जग्गू अपने परिवार के साथ दशहरा मनाने अमृतसर के उसी मैदान पर मौजूद थे जहां भीषण रेल हादसा हुआ। जग्गू उस रेल हादसे में घायल हो गए थे और उन्हें इलाज के लिए गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया। इलाज के बाद डॉक्टरों ने जग्गू को तीन महीने घर पर ही आराम करने की सलाह दी है। मजदूरी कर परिवार चलाने वाले जग्गू के सामने अब सबसे बड़ी समस्या ये है कि उनकी मां, पत्नी और तीन बच्चों के लिए आने वाले तीन महीनों तक पैसा कौन कमाएगा। इलाज के लिए पैसा कहां से आएगा? राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा कर दी, लेकिन घायलों के लिए कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। जग्गू का कहना है कि इतना ज़रूर है कि पंजाब सरकार ने घायलों का इलाज सरकारी खर्चे से उठाने की बात कही है। यही वजह है कि जग्गू समेत बहुत से घायल लोग अस्पताल से छुट्टी नहीं चाहते।
मुआवजा मिलने का भरोसा कम
सिविल अस्पताल के डॉक्टर भूपिंदर सिंह का कहना है कि इन मरीजों को डर लग रहा है कि यहां से जाने के बाद शायद इन्हें केंद्र सरकार का मुआवजा नहीं मिल पाएगा। इसलिए ये लोग मुआवजा मिले बगैर यहां से जाना नहीं चहाते। आपको बता दें कि सरकार ने वैसे तो घायलों के लिए 50 हजार रुपए की घोषणा की है, लेकिन वह कब तक मिलेगा इसका किसी को कुछ नहीं पता। यही वजह है कि घायलों को डर है कि कहीं अस्पताल से चले जाने के बाद उन्हें मुआवजा मिलेगा या नहीं। इसके अलावा इन लोगों को आगे होने वाले मेडिकल खर्च खुद उठाने की चिंता भी सता रही है।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर भूपिंदर सिंह का कहना है कि इन मरीजों को डर लग रहा है कि यहां से जाने के बाद शायद इन्हें केंद्र सरकार का मुआवजा नहीं मिल पाएगा। इसलिए ये लोग मुआवजा मिले बगैर यहां से जाना नहीं चहाते। आपको बता दें कि सरकार ने वैसे तो घायलों के लिए 50 हजार रुपए की घोषणा की है, लेकिन वह कब तक मिलेगा इसका किसी को कुछ नहीं पता। यही वजह है कि घायलों को डर है कि कहीं अस्पताल से चले जाने के बाद उन्हें मुआवजा मिलेगा या नहीं। इसके अलावा इन लोगों को आगे होने वाले मेडिकल खर्च खुद उठाने की चिंता भी सता रही है।