दरअसल दशहरे के चलते रामलीला के बाद रावण दहन शुरू हुआ, जिस वक्त रावण का पुतला जल रहा था, उसी दौरान रामलीला में रावण का किरदार निभा रहा दलबीर सिंह नाम का शख्स भी पटरी से खड़े होकर इस दहन को देख रहा था। लेकिन शायद उसे ये नहीं पता था कि ये दहन उसका आखिरी दहन होगा। इस दहन के साथ वो भी काल के गाल में चला जाएगा। रावण दहन होने के दौरान काल बनकर ट्रेन आई और 61 लोगों के साथ रामलीला के रावण को भी रौंदती हुई चली गई।
सदमें में पूरा परिवार
दर्दनाक हादसे में शिकार हुए रावण (दलबीर) के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार के लोग इस हादसे में अपने जिगर के टुकड़े की मौत से सकते में हैं। पूरे परिवार मानों मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा हो। दलबीर की पत्नी तो अब तक इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाई है। वो बार-बार अपने घर से वालों से यही कह रही है कि उसे अब इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि दलबीर अब उनके बीच नहीं रहा।
बरसों से निभा रहा था रावण का किरदार
आपको बता दें कि दलबीर लंबे समय से रामलीला में हिस्सा ले रहा था। यही नहीं कई वर्षों से वो रावण के किरदार को बखूबी निभा भी रहा था। हर बार की तरह इस बार भी दलबीर यह कहकर घर से जल्दी निकला था कि उसे रावण दहन के लिए राम और लक्षमण को तैयार करना है, लेकिन उसे शायद ये नहीं पता था कि वो अपनी अंतिम यात्रा के लिए ही घर से निकल पड़ा था।