अमृतसर रेल हादसाः …तो ट्रेन के अंदर बैठे यात्रियों की जान भी चली जाती रेलवे ने ये भी तर्क दिया है कि वहां से गुजरते वक्त ट्रेन लगातार हार्न बजा रही थी, लेकिन रावण के पुतलों में लगे पटाखों की गूंज में लोगों ने ट्रेन के हार्न को नहीं सुना। नतीजा यह रहा कि कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। रेलवे के मुताबिक इससे पहले गुजरी हावड़ा एक्सप्रेस के बाद डीएमयू के लिए फाटक नंबर सी-27 को बंद कर ट्रैफिक भी रोक दिया गया था। ऐसे में इस फाटक से किसी की भी एंट्री रेलवे की ओर से अवैध थी।
कुलमिलाकर रेलवे ने इस हादसे पर एक नया ही शिगुफा छेड़ दिया। रेलवे के मुताबिक जो भी लोग सी-27 से जबरन ट्रैक पर घुसे वे सब ‘घुसपैठिए’ थे। यही नहीं रेलवे ने ये भी तर्क दिया कि जब ट्रैक पर सिग्नल ग्रीन था तो लोग वहां क्यों खड़े रहे। उनकी लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है। यही नहीं रावण दहन स्थल और ट्रैक के बीच की दूसरी 2.5 मीटर ऊंची दीवार भी बनी हुई थी..ऐसे में हादसे को लेकर रेलवे की ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई।