आईपीसी की धारा 428 और 429 के तहत किसी भी जानवर को मारना या उसे अपंग करना एक दंडनीय अपराध है।
सेक्शन 11 (1) और सेक्शन 11 (i) (j) पीसीए एक्ट 1960 के तहत किसी भी जानवर को छोडऩे पर आपको 3 माह तक का दंड भुगतना पड़ सकता है।
किसी भी जानवर को स्लॉटर हाउस के अलावा कहीं बाहर नहीं मारा जा सकता और तो और किसी बीमार या प्रेग्रेंट जानवर को मारना कानूनन जुर्म है।
सेक्शन 11 (1) और सेक्शन 11 (i) (j) पीसीए एक्ट 1960 के तहत किसी भी जानवर को छोडऩे पर आपको 3 माह तक का दंड भुगतना पड़ सकता है।
किसी भी जानवर को स्लॉटर हाउस के अलावा कहीं बाहर नहीं मारा जा सकता और तो और किसी बीमार या प्रेग्रेंट जानवर को मारना कानूनन जुर्म है।
सेक्शन 11 (1) (h) पीसीए एक्ट के 1960 के तहत किसी भी जानवर को उसके जरूरत के मुताबिक खाना,पानी या रहने का स्थान न देने पर जुर्माने सहित तीन माह तक की सजा हो सकती है।
आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत बंदरों की सुरक्षा के लिए भी कुछ नियम बनाएं गए है जिसके अन्र्तगत बंदरों को पालने या उनके प्रदर्शन करने पर सख्त मनाही है।
सेक्शन 22 (ii) पीसीए एक्ट 1960 के तहत जानवरों की बलि देना गैरकानूनी है और इसके साथ ही बंदर,शेर,चीता,बैल इन सभी को किसी भी प्रकार के मनोरंजन के उद्देश्य से उनका इस्तेमाल करना कानूनन जुर्म है।
आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत बंदरों की सुरक्षा के लिए भी कुछ नियम बनाएं गए है जिसके अन्र्तगत बंदरों को पालने या उनके प्रदर्शन करने पर सख्त मनाही है।
सेक्शन 22 (ii) पीसीए एक्ट 1960 के तहत जानवरों की बलि देना गैरकानूनी है और इसके साथ ही बंदर,शेर,चीता,बैल इन सभी को किसी भी प्रकार के मनोरंजन के उद्देश्य से उनका इस्तेमाल करना कानूनन जुर्म है।
किसी भी अजायबघर में जानवरों से छेड़छाड़ करना दंडनीय अपराध है और यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उन्हें 25,000 रपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
किसी भी जानवर को बंदी बनाना कानूनन अपराध है और यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उसे 25,000 रपए के साथ ही 7 साल तक की सज़ा हो सकती है।
हमारी बस आपसे यहीं गुज़ारिश है कि आप सभी इन नियमों का पालन करें और इन बेज़ुबान जानवरों के हित के लिए अपने आस-पास के सभी लोगों को इन कानूनों के प्रति अवगत करें।
किसी भी जानवर को बंदी बनाना कानूनन अपराध है और यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उसे 25,000 रपए के साथ ही 7 साल तक की सज़ा हो सकती है।
हमारी बस आपसे यहीं गुज़ारिश है कि आप सभी इन नियमों का पालन करें और इन बेज़ुबान जानवरों के हित के लिए अपने आस-पास के सभी लोगों को इन कानूनों के प्रति अवगत करें।