script6 साल बाद फिर सड़क पर उतरने की तैयारी में अन्ना हजारे | Anna Hazare can again campaign for appointment of Lokpal | Patrika News

6 साल बाद फिर सड़क पर उतरने की तैयारी में अन्ना हजारे

locationनई दिल्लीPublished: Aug 30, 2017 05:23:00 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

लोकपाल की नियुक्ति नहीं होने से दुखी अन्ना ने पीएम मोदी खत लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है और एकबार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है।

नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर एकबार फिर हुंकार भरा है। अन्ना ने पीएम मोदी खत लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लिखा है कि पहले भी कई बार उन्होंने मोदी सरकार को चिट्ठियां लिखी हैं लेकिन अबतक कोई जवाब नहीं मिला। इसीलिए अब एकबार फिर आंदोलन करने की जरुरत है।
जनवरी में कर सकते हैं आंदोलन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर जल्द ही केंद्र सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति के लिए कदम नहीं उठाया तो अन्ना हजारे अलगे साल जनवरी में एकबार फिर आंदोलन कर सकते हैं। इससे पहले भी अगस्त 2011 में यूपीए सरकार के समय अन्ना के दिल्ली के रामलीला मैदान में अनश्न किया था। जिसको पूरे देश से जोरदार समर्थन मिला था। इस आंदोलन के विशआल रुप को देख यूपीए सरकार ने हारकर 27 अगस्त 2011 को संसद में ‘Sense of the House’ से रेजॉलूशन पास किया गया था।
अब 6 साल गुजर जाने के बाद भी केंद्र इस बिल में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है, इसी वजह से अन्ना खफा हैं।

अन्ना ने लिखा है कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखते हुए अगस्त 2011 में रामलीला मैदान पर और पूरे देशभर में ऐतिहासिक आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन को देखते हुए 27 अगस्त 2011 के दिन भारतीय संसद में ‘Sense of the House’ से रेजॉलूशन पास किया गया था। जिसमें केंद्र में लोकपाल, हर राज्यों में लोकायुक्त और सिटिजन चार्टर ऐसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर जल्द से जल्द कानून बनाने का निर्णय किया गया था। इस रेजॉलूशन को लेकर केंद्र सरकार ने लिखित आश्वासन देने के बाद बड़े उम्मीद से मैंने 28 अगस्त के दिन अपना आंदोलन स्थगित किया था।
दुखी होकर लिख रहा खत

भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जनता के मन में बड़ी उम्मीद जगानेवाली इस ऐतिहासिक घटना को अब छह साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन आज छह साल बाद भी भ्रष्टाचार को रोकने वाले एक भी कानून पर अमल नहीं हो पाया। इससे व्यथित हो कर मैं आज आपको यह पत्र लिख रहां हूं।
आपकी सरकार से बहुत उम्मीद थी
लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की भूमिका निभा रहे आपकी पार्टी के नेताओं ने भी इस कानून को पूरा समर्थन दिया था। उसके बाद हुए चुनावों में 26 मई 2014 को आपकी पार्टी की सरकार सत्ता में आई। लोकपाल आंदोलन के बाद देश की जनता ने बड़ी उम्मीद से आपके नेतृत्व में नई सरकार को चुन कर दिया था।
3 साल से लिख रहा हूं खत

नई सरकार को प्रतीक्षित मुद्दों पर अमल करने के लिए पर्याप्त समय देना जरूरी था। ऐसा सोचकर मैंने आपको याद दिलाने के लिए पिछले तीन साल में कई बार पत्र लिखा। लेकिन आपने कार्रवाई के तौर पर ना तो पत्र का जवाब दिया, ना ही अमल किया।
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