हजारे ने केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उन्हें किसी कार्यकर्ता से पता चला है कि आप की वेबसाइट से चंदा देने वाले लोगों के नाम जून महीने से ही हटा लिए गए हैं
नई दिल्ल। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने चंदा देने वाले लोगों का ब्योरा वेबसाइट से हटाने पर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना की। हजारे ने कहा कि फिर आप और अन्य राजनीतिक दलों में क्या अंतर रह गया। हजारे ने शुक्रवार को केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उन्हें किसी कार्यकर्ता से पता चला है कि आप की वेबसाइट से चंदा देने वाले लोगों के नाम जून महीने से ही हटा लिए गए हैं।
हजारे ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, आपने वादा किया था कि आप मिलने वाले हर चंदे का ब्योरा अपना वेबसाइट पर सार्वजनिक रखेगी…मुझे जो चिट्ठी मिली है उसे लिखने वाले कार्यकर्ता ने कहा है कि आप की वेबसाइट से चंदा देने वालों का ब्योरा जून से ही हटा दिया गया है।
हजारे ने आगे लिखा है, इससे आपकी कथनी और करनी में फर्क का पता चलता है। देश में बदलाव लाने के लिए ऐसे नेता की जरूरत है जिसकी कथनी और करनी में समानता हो। आपने मुझसे और समाज से वादा किया था कि आप बदलाव लाएंगे। मुझे दुख है कि आप अपने वादे पर खरे नहीं उतर रहे।
लैंड बिल पर राजनीति कर रहीं सोनिया: अन्ना हजारे
जालंधर। केंद्र सरकार के संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक का समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा किए जा रहे विरोध को समर्थन देने के कांग्रेस अध्यक्ष के ऎलान के बाद अन्ना ने कहा है कि सोनिया गांधी अपने राजनीतिक फायदे के लिए इसका विरोध कर रही हैं। यहां शहीद दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम आए अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का मकसद केवल इस विधेयक पर राजनीति करना है, वह अपनी पार्टी के राजनीतिक फायदे के लिए इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। सोनिया गांधी ने पिछले हफ्ते अन्ना को पत्र लिखकर लैंड बिल पर के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की थी। इस बाबत अन्ना से पूछे जाने के बाद उनका यह बयान आया है।
अन्ना ने कहा कि मौजूदा सरकार की तरह सोनिया गांधी को भी किसानों से कोई लेना देना नहीं है। वह केवल और केवल राजनीति कर रही हैं, ताकि किसी तरह वह इस आंदोलन से फायदा ले सकें। अगर किसानों से उनका मतलब होता तो 2013 में कानून बनाने से पहले देश भर में भूमि का सर्वेक्षण किया जाना था । अन्ना ने कहा कि यह सब राजनीति है। मैं जब भी जनहित में आंदोलन करता हूं तो इसका फायदा विपक्ष में बैठी पार्टी ले जाती है, लेकिन अब इस बारे में जनता को सोचना होगा और उन्हें इस पर गहराई से विचार करना होगा कि इन सबके बीच आखिर सच क्या है।
अन्ना ने कहा कि जब तक भूमि का सर्वेक्षण कर उनका वर्गीकरण नहीं किया जाता है, तब तक भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए. किसानों के कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। मैं हमेशा से कहता आया हूं कि जमीनों का वर्गीकरण कर केवल अनुपयोगी और कृषि कार्य में नहीं आने वाली जमीनों का ही अधिग्रहण होना चाहिए । उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टी अपने सियासी फायदे के साथ हमारे आंदोलन में जुड़ते हैं। अगर ऎसा नहीं होता तो जब मैंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना दिया था, उस समय कांग्रेस हमारे साथ क्यों नहीं आई थी।