कोरोना वायरस संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज बनने से छह माह से अधिक समय तक दोबारा संक्रमण की आशंका नहीं रहती है। न्यू इंग्लैंड जरनल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी भी उतनी ही प्रभावी होगी। यह कोरोना से लडऩे में 10 गुना अधिक सहायक होगी।
दोबारा संक्रमण का खतरा बहुत कम
अमरीकी राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. नेड शार्पलेस ने कहा कि संक्रमण के बाद जिन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी मौजूद हैं, उनमें दोबारा संक्रमण का खतरा बहुत कम है।
अमरीकी राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. नेड शार्पलेस ने कहा कि संक्रमण के बाद जिन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी मौजूद हैं, उनमें दोबारा संक्रमण का खतरा बहुत कम है।
पहला अध्ययन : 0.3 से 3 फीसदी संक्रमित
पहला अध्ययन अमरीका के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में 30 लाख से अधिक लोगों पर हुआ। एंटीबॉडी की जांच के लिए नमूने लिए गए। इनमें से 0.3 फीसदी ऐसे लोग संक्रमित पाए गए, जिनमें पहले वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी थे। 3 फीसदी ऐसे लोग संक्रमित पाए गए जिनमें एंटीबॉडी नहीं थे।
पहला अध्ययन अमरीका के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में 30 लाख से अधिक लोगों पर हुआ। एंटीबॉडी की जांच के लिए नमूने लिए गए। इनमें से 0.3 फीसदी ऐसे लोग संक्रमित पाए गए, जिनमें पहले वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी थे। 3 फीसदी ऐसे लोग संक्रमित पाए गए जिनमें एंटीबॉडी नहीं थे।
दूसरा अध्ययन : 0.16 से 1.96 फीसदी संक्रमित
दूसरा अध्ययन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स के 12,500 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया। एंटीबॉडी के लिए रक्त की जांच की गई। इनमें से 1,265 लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी थे। छह माह बाद दो लोग संक्रमित हुए। शेष 11,364 कर्मियों में शुरुआत में एंटीबॉडी नहीं थे, लेकिन छह माह बाद सिर्फ 223 संक्रमित हुए।
दूसरा अध्ययन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स के 12,500 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया। एंटीबॉडी के लिए रक्त की जांच की गई। इनमें से 1,265 लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी थे। छह माह बाद दो लोग संक्रमित हुए। शेष 11,364 कर्मियों में शुरुआत में एंटीबॉडी नहीं थे, लेकिन छह माह बाद सिर्फ 223 संक्रमित हुए।